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चिन्मय कृष्ण दास के वकील पर बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने किया जानलेवा हमला

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ढाका. बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के केस की पैरवी करने वाले वकील पर हमला हुआ है। यह दावा कोलकाता में इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने किया है। राधारमण दास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में रमन रॉय की तस्वीर के साथ कहा-चिन्मय दास के वकील रमन रॉय पर क्रूर हमला हुआ है। वे ICU में जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनकी एकमात्र गलती यह थी कि उन्होंने कोर्ट में चिन्मय प्रभु का बचाव किया। कट्टरपंथियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उन पर बेरहमी से हमला किया।

बांग्लादेश में इस्कॉन के एक प्रमुख पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को पिछले महीने रंगपुर में हिंदू समुदाय के समर्थन में विरोध प्रदर्शन के बाद ढाका में गिरफ्तार किया गया था। उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। 26 नवंबर को ढाका की एक अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। आज उनकी जमानत पर फिर सुनवाई होगी।

ढाका यूनिवर्सिटी में छात्रों का भारत के खिलाफ प्रदर्शन

बांग्लादेश में सोमवार की रात ढाका यूनिवर्सिटी के कैंपस में सैकड़ों छात्रों ने भारत विरोधी नारे लगाए और विरोध प्रदर्शन किया। ये छात्र सोमवार को अगरतला में बांग्लादेश के असिस्टेंट हाई-कमीशन के कैंपस में तोड़फोड़ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार के मुताबिक छात्रों ने कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश के साथ नहीं बल्कि, पूर्व राष्ट्रपति शेख हसीना के साथ संबंधों को आगे बढ़ाया। भारत, शेख हसीना की सत्ता छिनने से खुश नहीं है।

ढाका में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा बढाई गई

बांग्लादेश सरकार ने ढाका में भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ा दी है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद नूर-ए-आलम ने कहा कि उच्चायोग के सामने अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं। नियमित जांच के लिए चौकियां भी बनाई गई हैं।

बांग्लादेश में भारतीय टीवी चैनलों पर बैन लगाने की मांग

बांग्लादेश के ढाका हाइकोर्ट में सभी भारतीय टीवी चैनलों के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए एक रिट याचिका दायर की गई है। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक याचिका दायर करने वाले वकील अखलाक भुइयां की याचिका में स्टार प्लस, रिपब्लिक बांग्ला समेत सभी भारतीय चैनलों पर बैन लगाने की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि भारतीय चैनलों पर भड़काऊ खबरें प्रसारित हो रही हैं।

कौन हैं चिन्मय प्रभु?

चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी का असली नाम चंदन कुमार धर है। वे चटगांव इस्कॉन के प्रमुख हैं। बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच 5 अगस्त 2024 को PM शेख हसीना ने देश छोड़ दिया था। इसके बाद बड़े पैमाने पर हिंदुओं के साथ हिंसक घटनाएं हुईं। इसके बाद बांग्लादेशी हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए सनातन जागरण मंच का गठन हुआ। चिन्मय प्रभु इसके प्रवक्ता बने। सनातन जागरण मंच के जरिए चिन्मय ने चटगांव और रंगपुर में कई रैलियों को संबोधित किया। इसमें हजारों लोग शामिल हुए।

क्यों गिरफ्तार हुए चिन्मय प्रभु?

25 अक्टूबर को चटगांव के लालदीघी मैदान में सनातन जागरण मंच ने 8 सूत्री मांगों को लेकर एक रैली की थी। इसमें चिन्मय कृष्ण दास ने भाषण दिया था। इस दौरान न्यू मार्केट चौक पर कुछ लोगों ने आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराया था। इस ध्वज पर ‘आमी सनातनी’ लिखा हुआ था। रैली के बाद 31 अक्टूबर को बेगम खालिदा जिया की ‌BNP पार्टी के नेता फिरोज खान ने चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ चटगांव में राजद्रोह का केस दर्ज कराया था। उन पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप है।

साभार : दैनिक भास्कर

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