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एयरफोर्स डे के दिन भारतीय वायुसेना को मिला अपना नया झंडा

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लखनऊ. प्रयागराज में एयरफोर्स अपना 91वां स्थापना दिवस मना रहा है। आज 120 विमानों का एयर शो है। इससे पहले बमरौली एयरपोर्ट में फुल ड्रेस परेड हुई। 8 हजार फीट की ऊंचाई से वायु सेना के जवानों ने जंप किया। AN-32 विमान से 10 पैराट्रूपर्स ने छलांग लगाते हुए अपना करतब दिखाया। जवानों ने मारुति जिप्सी को 5 मिनट में खोलकर बांधा। आसमान में 3 कमांडो ने हेलिकॉप्टर से लटक कर एयर चीफ मार्शल को सलामी दी।

पहली बार महिला ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी भारतीय वायु सेना दिवस की परेड का जिम्मा संभाल रही हैं। ग्रुप कैप्टन शालिजा धामी कॉम्बैट यूनिट में कमांड अपॉइंटमेंट पाने वाली पहली महिला वायुसेना अधिकारी हैं। उनके पास करीब 2800 घंटे से ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरिएंस है। अदम्य साहस और शौर्य का करतब दिखाते हुए अब दोपहर ढाई बजे एयर शो शुरू होगा। संगम में एयर शो होगा। जल और थल सेना के विंटेज विमान भी इसमें भाग लेंगे। चिनूक, सूर्य किरण जैसे हेलिकॉप्टर अपने हैरतअंगेज करतबों से सभी को आश्चर्यचकित करेंगे।

वायु सेना के नए ध्वज का अनावरण
एयरफोर्स के नए झंडे का अनावरण किया गया। इसमें एयरफोर्स के एंबलम यानी प्रतीक चिह्न को शामिल किया गया है। एयरफोर्स की स्थापना 1932 में हुई थी। उस समय रॉयल एयर फोर्स का झंडा था। देश की आजादी के बाद 1952 में पहली बार तिरंगे और एयरफोर्स के गोल साइन को शामिल किया गया था। तब से यही फ्लैग वायुसेना की पहचान रही है। एयरफोर्स के इतिहास में पहली बार 91वें स्थापना दिवस के अवसर पर फ्लैग चेंज हुआ है।

सुबह बमरौली में फुल ड्रेस परेड, ढाई बजे से संगम में एयर शो
रविवार सुबह सात बजे बमरौली में फुल ड्रेस परेड शुरू हुई जो दोपहर करीब 12 बजे तक चली। इस दौरान पैराट्रूपर्स 8000 फीट से नीचे जंप किए। जबकि अपाचे, चिनूक जैसे हेलिकॉप्टर्स, सुखोई, मिग, सूर्य किरण जैसे विमानों ने हैरतअंगेज प्रदर्शन किया। वायु सेना के इतिहास, उसके गौरव से भी लोगों को परिचित कराया जाएगा।

यह दूसरा मौका जब दिल्ली से बाहर एयर शो
वायु सेना के स्थापना दिवस के अवसर पर दिल्ली में परेड और फ्लाई पास्ट होता रहा है। लेकिन, पिछले साल चंडीगढ़ और इस बार प्रयागराज में इसका आयोजन किया जा रहा है। यह दूसरा मौका है, जब दिल्ली के बाहर एयर शो हो रहा है। प्रयागराज में इस एयर शो के लिए कई दिनों से तैयारी चल रही थी। विमान अभ्यास पर निकल रहे थे। इसी क्रम में 6 अक्टूबर को प्रयागराज का आसमान अदम्य शौर्य का गवाह बना था। जब एयर-शो से पहले वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने रिहर्सल किया।

राफेल, सुखोई, मिग और जगुआर जैसे प्लेन आसमान में कलाबाजी करते हुए नजर आए। इन्हें देखने के लिए 10 लाख लोग पहुंचे थे। बादलों के बीच से जगुआर अचानक गर्जना करते हुए आते, फिर चंद सेकेंडों में गायब हो जाते। तेजस और मिग प्लेन 360 डिग्री में कलाबाजी करते हुए दिखे। अपाचे विमान दूसरी तरफ से आते हुए दिखे। दर्शकों को अपनी ताकत का एहसास दिलाते हुए आसमान में फायर बॉल्स उड़ाए।

C-295 पहली बार उड़ान भरेगा और मिग-29 आखिरी बार
भारतीय सेवा में खुद भारत द्वारा निर्मित पूरी तरह स्वदेशी C-295 विमान पहली बार संगम पर उड़ान भरेगा। वहीं, मिग-21 BISON अपनी ऐतिहासिक विरासत छोड़कर आखिरी उड़ान भरेगा। हवा में दो विमान उसे आसमान में ही आखिरी सलामी देंगे। शाम को जब सूरज ढल रहा होगा, तो मिग-21 BISON आसमान में हमेशा-हमेशा के लिए ओझल हो जाएगा।

एयर चीफ मार्शल बोले- 2032 तक दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वायुसेना भारत की होगी
प्रयागराज के बमरौली में आयोजित एयरफोर्स डे की परेड को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि भारत अपने को 2047 में विकसित देश के रूप में देखना चाहता है। ऐसे में यह सबसे जरूरी हो जाता है कि भारतीय वायु सेना जब 2032 में अपनी 100वीं वर्षगांठ माना रहा हो तब तक दुनिया की वन ऑफ द बेस्ट वायु सेना के रूप में विकसित हो जाए। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय मॉडर्न एयरफोर्स केवल एयरफोर्स ही नहीं है, बल्कि यह स्पेस सुपर पावर के रूप में भी दुनिया के सामने उभर रही है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए भारतीय वायु सेना और वायु सैनिक अपने आप को तकनीकी रूप से और दक्ष वा सक्षम बनाएं।

IAF- एयर पावर बियॉन्ड बाउंड्रीज थीम रखी
एयर चीफ मार्शल ने कहा-इस साल के वायु सेना दिवस की थीम IAF- एयर पावर बियॉन्ड बाउंड्रीज है। यह विषय वायु शक्ति की अंतर्निहित वैश्विक पहुंच को दिखाता है। वायु सेना का संचालन दुनियाभर में फैला है, जो तीव्र गतिशीलता और वैश्विक पहुंच प्रदान करता है। यह पहुंच किसी राष्ट्र को तेजी से तैनाती, एचएडीआर और शांति स्थापना मिशनों के रूप में सीमाओं से परे वायु शक्ति को प्रोजेक्ट करने की अनुमति देती है। हमें वायु शक्ति को विकसित करने, शांति बनाए रखने की गति निर्धारित करने और यदि आवश्यक हो तो युद्ध लड़ने और जीतने की बारीकियों को समझने की जरूरत है।

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पिछले नौ दशकों में भारतीय वायुसेना लगातार विकसित हुई है। आज दुनिया की बेहतरीन वायु सेनाओं में से एक है। लेकिन, क्या इतना काफी है? यदि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर है, तो 2032 में जब हम 100 वर्ष पूरे करेंगे, तब तक भारतीय वायुसेना को सर्वोत्तम नहीं तो सर्वोत्तम राष्ट्रों में से एक होना चाहिए।

साभार : दैनिक भास्कर

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