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सीआईडी ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू व उनके बेटे को किया गिरफ्तार

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अमरावती. आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को स्किल डेवलपमेंट स्कैम में शनिवार सुबह 6 बजे नंदयाल शहर से गिरफ्तार कर लिया गया। आपराधिक जांच विभाग (CID) ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। मामला 250 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले से जुड़ा हुआ है।

चंद्रबाबू को तब गिरफ्तार किया जब वे नंदयाल शहर में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद एक बस में आराम कर रहे थे। CID अधिकारी और नंदयाल जिला पुलिस, कुर्नूल रेंज DIG रघुरामी रेड्‌डी की अगुआई में तड़के 3 बजे उस कैंप साइट पर पहुंचे जहां नायडू ठहरे हुए थे। वहां पहुंचकर उन्होंने नायडू को गिरफ्तार करने की कोशिश की, लेकिन पार्टी समर्थकों ने उन्हें रोक लिया। पुलिस और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई। जब कार्यकर्ता नहीं माने तो पुलिस ने कुछ को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों के मुताबिक, इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

चंद्रबाबू के बेटे पारा लोकेश को पुलिस ने हिरासत में लिया
वहीं, आंध्र प्रदेश पुलिस ने चंद्रबाबू के बेटे पारा लोकेश को ईस्ट गोदावरी जिले से हिरासत में लिया है। लोकेश यहां पदयात्रा कर रहे थे। उन्हें विजयवाड़ा नहीं जाने दिया गया।

CBI ने 2021 में FIR दर्ज की थी
CBI ने 9 दिसंबर, 2021 को स्किल डेवलपमेंट घोटाले मामले में FIR दर्ज की थी। इसमें 25 लोगों को आरोपी बनाया गया था। हालांकि, इस FIR में नायडू का नाम नहीं था। इस साल मार्च में CID ने स्किल डेवलपमेंट घोटाले की जांच शुरू की थी। CID का दावा है कि जांच में जो बातें सामने आई हैं, उनके आधार पर चंद्रबाबू को गिरफ्तार किया गया है।

क्या है स्किल डेवलपमेंट घोटाला

  • साल 2016 में तत्कालीन सीएम चंद्रबाबू नायडू ने बेरोजगार युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देने के तहत आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (APSSDC) की स्थापना की थी।
  • APSSDC की 3,300 करोड़ की प्रोजेक्ट के लिए TDP सरकार ने सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया लिमिटेड और डिजाइन टेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड की ग्रुप कंपनियों के साथ एक MoU साइन किया।
  • इस करार के तहत सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया को स्किल डेवलपमेंट के लिए 3300 करोड़ की लागत से छह एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करना था।
  • राज्य सरकार को प्रोजेक्ट के कुल लागत का 10 फीसदी भुगतान करना था, जबकि मदद के रूप में बाकी राशि सीमेंस और डिजाइन टेक को देना था।
  • CID ने जांच में कई खुलासे किए
    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CID ने अपनी जांच में पाया कि राज्य कैबिनेट से इस परियोजना को मंजूरी नहीं थी। इसके बावजूद बिना टेंडर के प्रोजेक्ट शुरू की गई। MOU के तहत सीमेंस कंपनी को अपनी तरफ से प्रोजक्ट में इन्वेस्ट करना था। हालांकि, कंपनी ने अपनी तरफ से कुछ भी निवेश नहीं किया।
  • इसे उलट राज्य सरकार की तरफ से आवंटित 371 करोड़ रुपये विभिन्न शेल कंपनियां- एलाइड कंप्यूटर्स, स्किलर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, नॉलेज पोडियम, कैडेंस पार्टनर्स और ईटीए ग्रीन्स में बांट दीं।
  • CID ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि साल 2018 में एंटी करप्शन ब्यूरो को इस घोटाले की शिकायत मिली थी। हालांकि, तब सत्ता में बैठे लोगों ने जांच रोकने की कोशिश की और राज्य सचिवालय से जरूरी डॉक्यूमेंट्स हटा दिए। वर्तमान सरकार की जांच से पहले जीएसटी इंटेलिजेंस विंग और आईटी डिपार्टमेंट भी घोटाले की जांच कर रहे थे।
  • इस साल CID ने सरकारी गवाह बने एक आरोपी और तीन आईएएस अधिकारी के बयान के आधार पर APSSDC के पूर्व CEO अर्जा श्रीकांत को नोटिस भी जारी किया था। चंद्रबाबू की सरकार में पूर्व इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस (IRTC) अधिकारी अर्जी श्रीकांत APSSDC के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO थे।

आंतरिक जांच के बाद कंपनी ने प्रोजक्ट मैनेजर को निकाला
सीमेंस ग्लोबल कॉरपोरेट ऑफिस ने आंतरिक जांच बैठाई, जिसमें पाया कि प्रोजक्ट मैनेजर ने हवाला लेनदेन के रूप में प्रोजेक्ट का पैसा शेल कंपनियों को ट्रांसफर किया था। सीमेंस ग्लोबल ने आरोपी मैनेजर को नौकरी से निकाल दिया था।

जन सेना अध्यक्ष पवन कल्याण बोले- उनकी गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण
चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी के बाद जन सेना पार्टी प्रेसिडेंट पवन कल्याण ने कहा कि, हम उनकी गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हैं। लोकतंत्र में ऐसी चीजें होना दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस तरीके से एक पूर्व मुख्यमंत्री को आज गिरफ्तार किया गया वह दुखद है। जिस तरीके से सरकार के नेताओं के आदेश पर संस्थाएं और राजनीतिक दल गिरफ्तारियां कर रहे हैं, हम उसका विरोध करते हैं।

चंद्रबाबू ने जताई थी गिरफ्तारी की आशंका
चंद्रबाबू नायडू ने 6 सितंबर को अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई थी। अनंतपुर जिले के रायदुर्गम में लोगों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था- वो मुझे आज या कल अरेस्ट कर सकते हैं। मुझ पर हमला भी हो सकता है। वो मुझ पर एक नहीं, कई ज़ुल्म करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है। 45 साल के करियर में उनके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं हुआ। पूर्व CM वाई एस राजशेखर रेड्डी ने उनके खिलाफ कई मामले दर्ज कराए, लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।

साभार : दैनिक भास्कर

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