नई दिल्ली (मा.स.स.). भारत-यूरोपीय व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) संघ की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग, कपड़ा, उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने लोगों के लिए काम करने वाली अर्थव्यवस्था के लिए उत्तरदायी यूरोपीय आयोग के कार्यकारी उपाध्यक्ष और व्यापार के लिए यूरोपीय आयुक्त वाल्डिस डोंब्रोव्स्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।
द्विपक्षीय बातचीत के दौरान नेताओं ने दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को याद किया और लोकतंत्र तथा नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय प्रणालियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को देखते हुए सहयोग को गहरा करने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने संतुलित और सार्थक परिणामों के लिए बाजार पहुंच सहित पारस्परिक संवेदनशीलता पर विचार करने के बाद सभी मुद्दों पर तालमेल कर वर्तमान एफटीए वार्ताओं में तेजी लाने की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे दोनों पक्षों की अर्थव्यवस्थाओं और रोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा।
दोनों देशों ने विश्व व्यापार संगठन से संबंधित मुद्दों के लिए साझा प्राथमिकताओं पर एकसाथ काम करने की अपनी दावेदारी की भी पुष्टि कीI दोनों पक्षों ने सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग पर स्थायी समाधान सहित आम सहमति पर आधारित समाधानों की आवश्यकता को स्वीकार किया जिससे भारत में और साथ ही विकासशील दुनिया के बड़े हिस्सों में लाखों लोगों के लिए आजीविका तथा खाद्य सुरक्षा में मदद मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि उनके संयुक्त प्रयास विश्व व्यापार संगठन के आगामी मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में सार्थक समाधान खोजने में सक्षम होंगे।
इस बैठक के बाद कार्य समूह 3 के हितधारकों की बैठक हुई जिसकी सह-अध्यक्षता पीयूष गोयल और वालडिस डोंब्रोवस्की ने की। बैठक में भारत और यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले हितधारक शामिल थे। कार्य समूह 3 ने व्यापार, निवेश और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं पर ध्यान केन्द्रित किया। यूरोपीय संघ की ओर से बिजनेस यूरोप, डिजिटल यूरोप, फूड ड्रिंक्स यूरोप, कोपा-कोगेका, ईएफपीआईए और एसीईए सहित प्रमुख यूरोपीय औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में भाग लेने वाले भारतीय व्यापारिक नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में रसायन, धातु, वस्त्र, डिजिटल बुनियादी ढाँचे और इस्पात जैसे अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जबकि कृषि-खाद्य उद्योग, समुद्री/लॉजिस्टिक जैसे अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि वर्चुअल मोड में मौजूद थे।
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं