मुंबई. अगर आप भी आने वाले समय में पर्सनल लोन या क्रेडिट लेने का प्लान कर रहे हैं तो यह काम थोड़ा मुश्किल हो सकता है. जी हां, सूत्रों का दावा है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंको से अनसिक्योर्ड रिटेल लोन (Unsecured Retail loans) और क्रेडिट कार्ड जारी करने से पहले ग्राहक के बैकग्राउंड चेक करने के काम को और सख्त करने के लिए कहा है. अनसिक्योर्ड लोन में बैंकों के पास कुछ भी गिरवी नहीं रहता. यही कारण है कि इनकी ब्याज दर दूसरे लोन के मुकाबले ज्यादा होती है.
क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन का चलन तेजी से बढ़ा
आरबीआई (RBI) ने ऐसे लोन के डूबने का रिस्क बढ़ते हुए देखकर बैंकों को आगाह किया है. डिफॉल्ट के बढ़ते जोखिम के बीच रिजर्व बैंक असुरक्षित पोर्टफोलियो पर भी लगाम लगा सकता है. कोविड महामारी के बाद क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन का चलन तेजी से बढ़ा है. आंकडों के अनुसार साल 2022 में पर्सनल लोन लेने वालों की संख्या 7.8 करोड़ से बढ़कर 9.9 करोड़ पहुंच गई. इसी तरह क्रेडिट कार्ड से लोन लेने वालों का आंकड़ा भी 28 प्रतिशत बढ़कर 1.7 लाख करोड़ हो गया. पहले यह 1.3 लाख करोड़ था.
पर्सनल लोन बढ़कर 40 लाख करोड़ पर पहुंचा
साल 2023 में भी अनसिक्योर्ड लोन की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. RBI की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2022 के मुकाबले फरवरी 2023 में पर्सनल लोन 33 लाख करोड़ से बढ़कर 40 लाख करोड़ हो गया. यानी इसमें 20.4% की बढ़ोतरी देखी गई. आरबीआई का मानना है कि महंगाई और बढ़ती ब्याज दर के बीच अनसिक्योर्ड क्रेडिट ग्रोथ चिंता का विषय है. यही कारण है कि रिजर्व बैंक ने संभावित डिफॉल्ट की आशंका देखते हुए अनसिक्योर्ड लोन पर सख्ती बरतने के लिए कहा है. इसके अलावा भी बैंकों की तरपु से कुछ बदलाव किये गए हैं. सूत्रों का कहना है कि RBI अनसिक्योर्ड लोन में रिस्क वेट बढ़ा सकता है.
साभार : जी न्यूज़
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