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मौका मिला तो पीस पार्टी करेगी एनडीए के साथ गठबंधन : डॉ. अयूब

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लखनऊ. 14 अप्रैल 2014, गोंडा में पीस पार्टी के अध्यक्ष डॉ. अयूब की सभा चल रही थी। सभा में डॉ. अयूब ने नरेंद्र मोदी को आंतकवादी कहा था। तब उन्होंने कहा था कि पीस पार्टी मोदी को आतंकवादी मानती है, क्योंकि उनसे पूरा देश आतंकित है। ऐसे व्यक्ति को पीएम चुनने और देश की कमान सौंपने का कोई मतलब है। दस साल बाद बीजेपी को कट्टर दुश्मन मानने वाले पीस पार्टी के नेता डॉ. अयूब के तेवर बदले नजर आए। हाल ही में उन्होंने कहा कि हमारा कोई दुश्मन नहीं है। अगर हमें मौका मिला यूपी में एनडीए के साथ गठबंधन करने से नहीं हिचकिचाएंगे। उन्होंने मुसलमानों के साथ समान व्यवहार किया है। डॉ. अयूब के बयान से समाजवादी पार्टी और बसपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश में मुस्लिम राजनीति अब करवट ले रही है।

बीजेपी भी मुसलमानों में पैठ बनाना चाहती है
बीजेपी खुद पिछले दो साल से पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने के लिए अभियान चला रही है। मुसलमान वोटरों के बीच पीएम मोदी की मन की बात के उर्दू तर्जुमा वाले किताबें बांटी जा रही है। मदरसों में बीजेपी के अल्पसंख्यक सेल के नेता पार्टी के संदेश लेकर मीटिंग कर रहे हैं। मई 2023 के निकाय चुनाव में बीजेपी ने 395 मुस्लिम कैंडिडेट उतारे थे। पसमांदा मुसलमानों को संदेश देने के लिए यूपी में पहले ही दानिश आजाद अंसारी को योगी कैबिनेट में शामिल किया है। ऐसे में डॉ. अयूब का बयान बीजेपी को राहत दे सकता है। अगर यह गठबंधन हुआ तो सबसे अधिक नुकसान समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को होगा। पिछले दस साल में सपा मुसलमानों को अपनी तरफ गोलबंद करने में सफल रही है।

डॉ. अयूब ने कहा कि हमारा कोई दुश्मन नहीं है। सपा, बसपा और कांग्रेस ने मुस्लिम को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है। ये तीनों पार्टियां चुनाव में मुसलमानों का वोट लेती हैं, लेकिन सत्ता में आने पर उन्हें छोड़ देती हैं। अगर हमें मौका मिला यूपी में एनडीए के साथ गठबंधन करने से नहीं हिचकिचाएंगे। उन्होंने मुसलमानों के साथ समान व्यवहार किया है। मुस्लिम समुदाय धर्मनिरपेक्षता के नाम पर भाजपा को हराने के लिए वोटिंग करता रहा है, लेकिन अब उसे समझ में आने लगा है कि यह सोच मुसलमानों को नुकसान पहुंचा रही है। जहां तक हिंदुत्व का सवाल है, अभी कौन सी पार्टी हिंदूवादी नहीं है।

2012 के बाद पीस पार्टी को लगा धक्का, मुसलमान सपा की ओर गए
पीस पार्टी पिछले दो दशक से बीजेपी विरोध की राजनीति कर रही है। पिछले दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनावों में पीस पार्टी ने एनडीए के खिलाफ कैंडिडेट उतारे, मगर सीटें जीतने में सफलता नहीं मिली। 2012 के विधानसभा चुनाव में पीस पार्टी के चार विधायक जीते थे। तब पार्टी को 2.35 प्रतिशत वोट मिले थे। पूर्वांचल में पीस पार्टी का जनाधार बना। मुस्लिम बुनकर समुदाय के लोग डॉ अय्यूब के समर्थन में सामने आए थे। 2017 के बाद मुस्लिम वोटर समाजवादी पार्टी और बीएसपी की तरफ लामबंद होने लगे और पीस पार्टी हाशिये पर चली गई।

सीएसडीएस के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में 55 फीसदी मुस्लिम वोटरों ने सपा को वोट दिया। 14 फीसदी मुस्लिम वोट बसपा के खाते में गई। 33 फीसदी मुसलमानों ने कांग्रेस का समर्थन किया। दो फीसदी मुस्लिम वोट बीजेपी को भी मिले थे। प्यू सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, आश्चर्यजनक यह रहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पांच में से एक मुस्लिम वोटर ने बीजेपी के लिए वोट किया। 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय ने बीजेपी विरोध के लिए समाजवादी पार्टी के लिए एकमुश्त वोटिंग की थी। सपा गठबंधन के 34 उम्मीदवार विधानसभा पहुंचे। मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के कारण पीस पार्टी राजनीति में अपने वजूद को तलाशती रही।

20 लोकसभा सीटों पर बदल जाएगा समीकरण
चुनावों में हार के बाद पीस पार्टी ने अपना स्टैंड बदला। पसमांदा मुसलमानों को एकजुट करने की बीजेपी की रणनीति कहीं न कहीं असर दिखाने लगी है। पसमांदा समाज के मुस्लिम नेता खुले तौर पर नरेंद्र मोदी और बीजेपी की योजनाओं की तारीफ करते नजर आ रहे हैं। ऐसे में पीस पार्टी के प्रमुख डॉ.अयूब ने एनडीए के साथ जाने के संकेत दिए। बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए जाति आधारित दलों के साथ समझौते कर रही है। अगर पीस पार्टी एनडीए में शामिल होती है तो लोकसभा चुनाव में 15 फीसदी मुस्लिम वोट बीजेपी गठबंधन के खाते में जा सकता है। इसका फायदा आने वाले चुनावों में होने की संभावना बनी रहेगी।

उत्तर प्रदेश में 30 ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां 40 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। 70 सीटों पर 20 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं। 43 सीटों पर मुस्लिम वोटरों की मौजूदगी 30 फीसदी तक है। कुल मिलाकर 143 विधानसभा सीटों पर अल्पसंख्यक वोटों का असर दिखता है। इस लिहाज से वेस्टर्न और पूर्वांचल की कुल 20 लोकसभा सीट पर गठबंधन का असर भी दिखेगा।

साभार : नवभारत टाइम्स

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