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राजस्थान : जबरदस्ती किसी इलाके को दूदू में नहीं धकेला जाए : कांग्रेस विधायक

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जयपुर. नए जिलों पर उठे विवाद को देखते हुए सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर जिले के कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों को विश्वास में लेने के लिए सोमवार को सीएम हाउस में लंबी बैठक की। दूदू में जयपुर के आसपास का कोई क्षेत्र शामिल होने को तैयार नहीं है। सीएम के साथ बैठक में जयपुर जिले के विधायकों और मंत्रियों ने यह भी सुझाव दिया कि जयपुर देहात (ग्रामीण) के नाम पर आपत्ति नहीं होगी। बैठक में गहलोत ने दूदू जिले का नाम जयपुर देहात करने के फाॅर्मूले पर अपनी सहमति दे दी है। इसके बारे में अंतिम फैसला जल्द होने की संभावना है। दूदू जिले में सांभर, फुलेरा और जोबनेर को शामिल करने का विरोध बढ़ने के बाद 25 जून को भारी बवाल हो गया था। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया था। इस बवाल के बाद सीएम ने सोमवार को जयपुर जिले के विधायकों को सीएम हाउस बुलाया। बैठक में गहलोत ने यह आश्वासन दिया कि जबरदस्ती किसी क्षेत्र को दूदू में शामिल नहीं किया जाएगा। लोगों की भावनाओं का सम्मान होगा।

दूदू में जाने को लोग तैयार नहीं हैं, चुनावों में नुकसान होगा

बैठक में दूदू जिले को लेकर उठे विवाद पर मंत्री और विधायकों ने सीएम से खुलकर कहा- इस मामले में जनभावना पूरी तरह खिलाफ है। बगरू, जोबनेर, फुलेरा, सांभर क्षेत्र के लोग दूदू में जाने को तैयार नहीं हैं। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बैठक में सीएम से साफ कहा कि जोबनेर से लेकर आसपास के लोग जयपुर से अलग नहीं होना चाहते हैं। यहां के लोग जयपुर जिले में ही रहना चाहते हैं, हमें जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए। सांभर-फुलेरा की जिले की मांग भी पुरानी है, इन लोगों की बात सुनने की जगह दूदू में जबरदस्ती शामिल करने से आक्रोश है। इस मामले को जल्द नहीं सुलझाया तो नुकसान होगा। बैठक में जयपुर शहर के विधायकों ने एक सुर में सीएम से कहा कि राजधानी के टुकड़े नहीं होने चाहिए।

जयपुर शहर और ग्रामीण लोकसभा की तर्ज पर जिले का फाॅर्मूला

दूदू जिले में शामिल करने का विरोध कर रहे इलाकों के विधायकों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लोकसभा क्षेत्र की तर्ज पर ही जयपुर ग्रामीण और जयपुर शहर जिले बनाने का सुझाव दिया है। बैठक में भी यह सुझाव दिया गया कि इन इलाकों के लोग जयपुर के नाम से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। जयपुर शहर क्षेत्र को जयपुर और दूदू और इसके आसपास के क्षेत्रों को मिलाकर जिले का नाम जयपुर ग्रामीण कर दिया जाता है। लोग तैयार हो जाएंगे। ऐसे में अब दूदू जिले की जगह जयपुर ग्रामीण नाम किया जा सकता है।

खाचरियावास बोले- जबरदस्ती दूदू में नहीं धकेला जाएगा

खाचरियावास बोले- जनभावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है। जिले पर विवाद है तो बातचीत कर समाधान कर दिया जाएगा। जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज के 250 वार्डों का क्षेत्र एक रहेगा। राजधानी के टुकड़े नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि लोगों की भावनाओं का सम्मान होगा, अगर लोग दूदू में शामिल नहीं होना चाहते तो जबरदस्ती नहीं धकेला जाएगा। जयपुर के सभी वार्डों को भी एक रखा जाएगा, जयपुर को लेकर विवाद नहीं है। जयपुर के टुकड़े नहीं होंगे। सीएम से आज साफ कहा है। जनभावनाओं का सम्मान हाेगा। बेवजह जनता से टकराव करके नए जिलों में इलाके शामिल नहीं होंगे। मंत्री लालचंद कटारिया और बाकी विधायकों ने भी अपनी बात रखी है।

विधायक सोलंकी बोले- चाकसू का एक भी गांव दूदू में नहीं जाएगा

चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कहा- मुख्यमंत्री से जिलों के विवाद पर बात हुई है, सब समाधान हो जाएगा। सीएम खुद बयान देंगे। सीएम हमारी मांगों और सुझावों पर सकारात्मक है। इसलिए अब नाराजगी जैसी बात नहीं है। मैंने साफ कहा है कि चाकसू विधानसभा क्षेत्र का कोई गांव दूदू में नहीं जाना चाहिए। माधोराजपुरा के लोग दूदू में शामिल कराने की कोशिश के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। चाकसू क्षेत्र का एक भी गांव दूदू में नहीं जाना चाहिए। दूदू को अकेले जिला या राज्य जो भी बनाना है बना दीजिए। सोलंकी ने कहा- सीएम ने हमारे सुझावों पर सकारात्मक रुख दिखाया है। एक-दो दिन में समाधान हो जाएगा। जयपुर शहर और जयपुर देहात जिले करने पर भी चर्चा हुई है। विधायकों से सारे ऑप्शन पूछ लिए हैं, हमने हमारी बात रख दी है। क्षेत्र की जनता के लिए जिस हद तक भी जाना होगा जाएंगे।

विधायक रफीक खान बोले- जयपुर शहर लोकसभा क्षेत्र का जिला एक रखा जाए

कांग्रेस विधायक रफीक खान ने कहा- जयपुर जिले के पहले ही दो टुकड़े हो चुके हैं। हमारा सुझाव है कि जयपुर लोकसभा को एक रखा जाए। जयपुर देहात जिले काे भले अलग कर दिया जाए। जयपुर शहर का ऑरिजनल आकार बरकरार रहे। दूदू को लेकर अलग शिकायतें है उसका फैसला जनभावना के अनुसार होगा। दूदू को लेकर थोड़ा बहुत चेंज होगा। जयपुर में कोई बदलाव नहीं होगा।

साभार : दैनिक भास्कर

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