शनिवार , मई 04 2024 | 07:38:26 PM
Breaking News
Home / राज्य / जम्मू और कश्मीर / हमारे परिवार की तरह है सेना का हर जवान : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

हमारे परिवार की तरह है सेना का हर जवान : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Follow us on:

जम्मू. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं। पुंछ में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए राजनाथ सिंह राजौरी भी पहुंचे। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का अंत होना चाहिए, आतंकवाद को खत्म करने की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि हमारे लिए हर सैनिक बेहद महत्वपूर्ण है, हमारा हर एक सैनिक परिवार के सदस्य के समान है। आपके ऊपर कोई नजर डाले यह हमें कतई बर्दाश्त नहीं है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसी दोनों महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके लिए शासन की तरफ से जिस भी सहयोग की आवश्यकता होगी उसके लिए सरकार का खजाना खुला हुआ है।

उन्होंने कहा कि हमारी सेना पहले से ज्यादा सशक्त है। सरकार हर हाल में आप के साथ है। शहीदों को भुलाया नहीं जा सकता। सेना का हर जवान हमारे परिवार की तरह है। सारे देशवासियों के अंदर ये भावना रहती है। जंग के साथ हमें जंग के साथ लोगों का दिल भी जीतना है। मैं सेना के घायल जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करूंगा, उनमें से प्रत्येक हमारे लिए महत्वपूर्ण है।

‘हमे और सजग रहने की आवश्यकता’
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं आपको आश्वसत करना चाहता हूं इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जो भी उचित कदम होगा वो उठाया जाएगा। इस प्रकार की घटना को टेकन फॉर ग्रांटेड नहीं ले सकते। हमे और सजग रहने की आवश्यकता है। मातृभूमि के लिए आपका जो बलिदान है उसकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती है। इसकी कोई कीमत नहीं चुका जा सकती है। मैं आपको विश्वास दिलाने चाहता हूं सरकार आपके साथ खड़ी है। हम आप लोगों की सुविधा को सबसे ऊपर रखते हैं।

पुंछ आतंकी हमले में शहीद हुए थे चार जवान
बता दें कि पुंछ में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले में चार सैनिकों के वीरगति को प्राप्त होने के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह यहां पहुंचे। पुंछ के बफलियाज में 21 दिसंबर को ढेरा की गली और धत्यार मोड़ के बीच घात लगाकर किए गए हमले के बाद क्षेत्र में आतंकवाद निरोधक अभियान जारी है। क्षेत्र में जारी आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान 22 दिसंबर को तीन लोग मृत पाये गये थे जिनकी उम्र 27 से 42 वर्ष के बीच थी। इसके बाद यह आरोप लगने से लोगों में आक्रोश फैल गया कि उन्हें आतंकवादी हमले के बाद पूछताछ के लिए सेना ने उठाया था।

साभार : नवभारत टाइम्स

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon।in/dp/9392581181/

https://www।flipkart।com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

महबूबा मुफ्ती, गुलाम नबी आजाद के खिलाफ लड़ेंगी लोकसभा चुनाव

जम्मू. आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार चुनाव होने जा रहा …