शनिवार, दिसंबर 06 2025 | 11:13:11 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / पाकिस्तान के लिए भारत के सिंधु जल संधि स्थगित करने का बदला लेगा चीन

पाकिस्तान के लिए भारत के सिंधु जल संधि स्थगित करने का बदला लेगा चीन

Follow us on:

बीजिंग. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या के बाद भारत ने 1960 से लागू सिंधु जल संधि को स्थगित करने का निर्णय लिया. भारत ने हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और इसके बाद चार दिवसीय सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान व पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तान की बौखलाहट की एक वजह यह है कि इस समझौते के तहत उसे भारत से तीन प्रमुख नदियों का पानी मिलता है. संधि का स्थगन इस सप्लाई पर सीधा असर डाल सकता है.

सिंधु जल संधि में हस्तक्षेप कर सकता है चीन

इस बीच चीन ने भी इस मुद्दे में रुचि दिखाई है. कन्वरसेशन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन सिंधु जल संधि में हस्तक्षेप कर सकता है, जो क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा सकता है. भारत को डर है कि चीन अपनी सीमा से भारत में बहने वाली नदियों का प्रवाह बाधित कर सकता है. चीनी मीडिया ने भारत को ‘आक्रामक’ बताते हुए पानी को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की आशंका जताई है. साथ ही चीन ने यह भी ऐलान किया है कि वह सिंधु की सहायक नदी पर मोहमंद डैम प्रोजेक्ट में तेजी लाएगा, जिससे पाकिस्तान को फायदा होगा और भारत पर रणनीतिक दबाव बढ़ सकता है. भारत में कई विशेषज्ञों का मानना है कि सिंधु जल संधि की शर्तें पाकिस्तान के लिए जरूरत से ज्यादा उदार रही हैं. लगभग 65% पाकिस्तान की आबादी सिंधु बेसिन में रहती है, जबकि भारत में यह संख्या महज 14% है. ऐसे में भारत के इस कड़े रुख ने पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से असहज स्थिति में डाल दिया है.

पाकिस्तान की मदद को आगे आया चीन

चीन अब खुद को सिंधु जल संधि का एक अहम पक्षकार मानने लगा है. चीनी मीडिया ने इस मुद्दे पर भारत को आक्रामक बताते हुए चेतावनी दी है कि अगर भारत ‘पानी को हथियार’ की तरह इस्तेमाल करता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं. रिपोर्ट्स में यह भी उल्लेख किया गया है कि सिंधु नदी का स्रोत चीन के पश्चिमी तिब्बत क्षेत्र में है, जो इस विवाद को और संवेदनशील बनाता है. इसी के साथ चीन ने यह भी ऐलान किया है कि वह पाकिस्तान में सिंधु की सहायक नदी पर मोहमंद हाइड्रो प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य में तेजी लाएगा. यह कदम भारत के लिए एक कूटनीतिक संदेश भी माना जा रहा है.

साभार : एबीपी न्यूज

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

पाकिस्तानी सेना और तालिबान में रात भर चली गोलीबारी में 4 की मौत, तनाव बढ़ा

काबुल. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बॉर्डर पर एक बार फिर जंग जैसे हालात बनते …