शनिवार, मार्च 22 2025 | 12:00:40 PM
Breaking News
Home / अंतर्राष्ट्रीय / अमेरिका ने यूक्रेन के साथ युद्ध विराम न करने पर रूस को दी नए प्रतिबंधों की धमकी

अमेरिका ने यूक्रेन के साथ युद्ध विराम न करने पर रूस को दी नए प्रतिबंधों की धमकी

Follow us on:

वाशिंगटन. अमेरिका ने एक बार फिर रूस को खुली धमकी देते हुए कहा कि वह युद्ध विराम को स्वीकार करने में कीव की बात मान ले और नहीं तो संभावित रूप से आगे प्रतिबंधों का सामना करे। अमेरिका का यह बयान ला माल्बे में चली जी7 विदेश मंत्रियों के बैठक के बाद आया है। इस बैठक में अमेरिका ने कनाडा के साथ अपनी दूरियां कम करने की कोशिश की है।

रूस को दी चेतावनी

संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को अपने जी7 सहयोगियों के साथ मतभेदों को दूर करते हुए यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन किया और रूस को चेतावनी दी। पश्चिमी व्यापार, सुरक्षा और यूक्रेन से संबंधित नीति को लेकर अमेरिकी सहयोगियों और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कई सप्ताह तक चले तनाव के बाद संयुक्त विदेश मंत्रियों की विज्ञप्ति जारी की गई।

अधिकारियों को इस बात का था डर

जी7 अधिकारियों को डर था कि वे दुनिया भर के भू-राजनीतिक मुद्दों को छूने वाले एक व्यापक दस्तावेज पर सहमत नहीं हो पाएंगे, उनके अनुसार विभाजन रूस और चीन दोनों के हाथों में खेल सकता है। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि संयुक्त बयान के बारे में अमेरिका को अच्छा लगा।

कनाडाई विदेश मंत्री ने कही ये बात

कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने संवाददाताओं से कहा कि जब अलग-अलग मुद्दों, यूक्रेन और मध्य पूर्व की बात आती है, तो हमने इन अलग-अलग मुद्दों, विषयों पर बात करने के लिए सत्र आयोजित किए हैं, और लक्ष्य जी7 की एकता को मजबूत बनाए रखना था।

संयुक्त बयान जारी करना आसान नहीं था

ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका के समूह सात के मंत्रियों ने यूरोपीय संघ के साथ क्यूबेक की पहाड़ियों में बसे सुदूर पर्यटक शहर ला माल्बे में गुरुवार और शुक्रवार को बैठकें कीं। इन दोनों ट्रंप कनाडा पर जमकर बरस रहे हैं और यह जी7 बैठकें कनाडा की अध्यक्षता में हुईं। इसलिए यूक्रेन, मध्य पूर्व और चीन पर सख्त शब्दों की वाशिंगटन की इच्छा के बारे में भाषा पर विवाद के कारण अंतिम बयान तैयार करना मुश्किल था।

ट्रंप लगातार यूक्रेन पर भी निशाना साध रहे

विज्ञप्ति में यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और अस्तित्व के अधिकार, तथा उसकी स्वतंत्रता, संप्रभुता और स्वाधीनता की रक्षा में उनके अटूट समर्थन की पुष्टि की गई। 20 जनवरी को ट्रंप प्रशासन के सत्ता में आने के बाद से यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता अमेरिकी कथन से काफी हद तक गायब रही है। ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने अब तक इस संभावना से इनकार नहीं किया है कि कीव क्षेत्र को छोड़ सकता है।

साभार : दैनिक जागरण

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

इजरायल के गाजा पर हालिया हमले के कारण मारे गए 70 से अधिक लोग

जेरुसलम. इजरायली सेना ने गाजा पर महाविनाशकारी हमला किया है। इस हमले में काफी संख्या में …