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भारत और ऑस्ट्रेलिया नवोन्मेषण को प्रेरित करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे

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नई दिल्ली (मा.स.स.). अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम), नीति आयोग और ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय विज्ञान एजेंसी कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (सीएसआईआरओ) ने दोनों देशों की राष्ट्रीय चुनौतियों और प्राथमिकताओं के क्षेत्रों में नवोन्मेषण गतिविधियों को प्रेरित करने के लिए संयुक्त सहयोग को प्रोत्साहित करने हेतु एक आशय पत्र पर हस्ताक्षर कर हाथ मिलाया है। यह कदम ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री एंथोनी अल्बानीज की भारत यात्रा के दौरान उठाया गया जब उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से 10 मार्च 2023 को नई दिल्ली में मुलाकात की। दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बैठक में परस्पर हित के क्षेत्रों पर चर्चा की गई और एक प्रमुख विषय के रूप में नवोन्मेषण के साथ कई प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ बनाने के रास्तों की खोज की गई।

एआईएम और सीएसआईआरओ के बीच आशय पत्र में परस्पर हित और रणनीतिक प्राथमिकताओं के क्षेत्रों में अधिक सहयोग की अपील की गई है और यह अधिक कार्यक्रम विशिष्ट युक्तियों के विकास को सुगम बनाने के उद्देश्य से सहयोग के लिए एक सामान्य संरचना के रूप में कार्य करता है। द्विपक्षीय सहयोग का मूल भारत ऑस्ट्रेलिया नवोन्मेषण एवं प्रौद्योगिकी चुनौती (आईए-आईटीसी) है – जो एक ऐसा कार्यक्रम है जिसकी परिकल्पना भारत और ऑस्ट्रेलिया के नवोन्मेषण इकोसिस्टम को एक साथ लाने के लिए की गई है जिससे कि स्टार्ट-अप और एसएमई के साथियों की उनके व्यावसायीकरण मार्गों पर सहायता करने और चक्रीय अर्थव्यवस्था, ऊर्जा पारगमन और खाद्य प्रणाली अनुकूलता आदि में फैले नवोन्मेषी तकनीक-आधारित समाधानों को बाजार में लाने के जरिए हमारी साझा पर्यावरणगत और आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान दिया जा सके। इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों देशों के नवोन्मेषी इकोसिस्टम की पूरक क्षमताओं और संसाधनों का लाभ उठाना है।

आईए-आईटीसी भारत ऑस्ट्रेलिया चक्रीय अर्थव्यवस्था (आईएसीई) हैकाथॉन 2021 की सफलता पर आधारित है, जो भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के विश्वविद्यालय के छात्रों, स्टार्ट-अप और एसएमई द्वारा खाद्य प्रणाली मूल्य श्रृंखला में चक्रीयता के लिए नवोन्मेषी तकनीक-आधारित समाधान विकसित किए जाने का साक्षी रहा है। नीति आयोग के मिशन निदेशक-एआईएम, डॉ. चिंतन वैष्णव ने कहा, “नवोन्मेषण को बढ़ावा देने और भारत ऑस्ट्रेलिया नवोन्मेषण एवं प्रौद्योगिकी चुनौती का सह-विकास करने के लिए हम सीएसआईआरओ के साथ साझेदारी करके रोमांचित हैं।” उन्होंने कहा, “यह साझेदारी और विशेष रूप से आईए-आईटीसी कार्यक्रम भारत और ऑस्ट्रेलिया के लिए इकोसिस्टम के विभिन्न स्तरों पर सहयोग करने का एक उत्साहजनक रोमांचक अवसर है जिसमें स्टार्ट-अप, एसएमई, बिजनेस इनक्यूबेटर और एक्सीलरेटर, वीसी और उद्योग शामिल हैं। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों के साथ सीएसआईआरओ के विशाल अनुभव को देखते हुए ज्ञान को साझा करने और सह-निर्माण करने में नए रास्ते खोलेगा।”

सीएसआईआरओ के कार्यकारी निदेशक– ग्रोथ श्री जोनाथन लॉ ने कहा, “सीएसआईआरओ एआईएम के साथ साझेदारी करने और साझा वैश्विक चुनौतियों के समाधान की दिशा में काम कर के उत्साहित है। एआईएम के पास विश्व स्तरीय नवोन्मेषणों और उद्यमियों को बढ़ावा देने और उनका लाभ उठाने का एक प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड है। हम वैज्ञानिक उपलब्धियों का निर्माण करने के लिए अपनी शक्तियों और विशेषज्ञता को संयोजित करने की उम्मीद करते हैं, जिससे कि वास्तविक विश्व को सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरण के मामले में प्रभावशाली बनाया जा सके।” एआईएम और सीएसआईआरओ वर्तमान में आईए-आईटीसी कार्यक्रम प्रदायगी मॉडल के डिजाइन और विकास पर काम कर रहे हैं जिसके कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आईए-आईटीसी टिकाऊ, नवोन्मेषी, प्रभावशाली है और यह भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों के रणनीतिक हितों के साथ संयोजित है। इस कार्यक्रम का आधिकारिक रुप से लॉन्च जुलाई 2023 में होने की उम्मीद है।

 

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