जयपुर. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व OSD लोकेश शर्मा को फोन टैपिंग मामले में सोमवार को गिरफ्तार किया। मिली जानकारी के अनुसार 25 नवंबर यानी आज लोकेश शर्मा को दिल्ली पुलिस की प्रशांत विहार क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए बुलाया था। यहां इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि यह भी जानकारी मिली है कि कुछ ही देर में उन्हें कोर्ट से अग्रिम जमानत भी मिल गई है। बता दें कि लोकेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पर लगी रोक वाली याचिका वापस ले ली थी। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक हट गई। अब क्राइम ब्रांच ने उन्हें अरेस्ट कर लिया है।
पहले हुई गिरफ्तारी , फिर मिल गई जमानत
यह गिरफ्तारी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा दर्ज कराई गई FIR के आधार पर हुई है। शेखावत ने 2020 में राजस्थान में हुए सियासी उठापटक के दौरान अपने फोन टैप होने का आरोप लगाया था। शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर टैप की गई ऑडियो क्लिप लीक की थीं। शर्मा ने पहले हाईकोर्ट में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दायर की थी, जिसे उन्होंने बाद में वापस ले लिया था, लेकिन 14 नवंबर को याचिका वापस ले थी। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो गया, जिसके बाद आज 25 नवंबर उनकी गिरफ्तारी हुई। हालांकि कुछ ही देर बाद अग्रिम जमानत (anticipatory bail) भी मिल गई।
मंत्री शेखावत के केस दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस ने शुरू की इंवेस्टिगेशन
बता दें कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मार्च 2021 में दिल्ली पुलिस में FIR दर्ज कराई थी। इस FIR में लोकेश शर्मा और कुछ अज्ञात पुलिस अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था। शेखावत का आरोप था कि लोकेश शर्मा ने उनके फोन की अवैध टैपिंग कराई और बातचीत को लीक किया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही थी। लगातार इस केस में जब लोकेश शर्मा से दिल्ली क्राइम ब्रांच पूछताछ करती रही तो उन्होंने इस केस में अपने पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया।
अपने पर लगे आरोपों को बताया निराधार, गहलोत को घेरा
इस दौरान लोकेश शर्मा ने दावा किया है कि फोन टैपिंग में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने कहा है कि अशोक गहलोत ने ही उन्हें एक पेन ड्राइव में ऑडियो क्लिप दी थीं। साथ ही उन्हें मीडिया में भेजने को कहा था। शर्मा का कहना है, ‘फोन टैपिंग में मेरी कोई भूमिका नहीं है। अशोक गहलोत ने ही मुझे पेन ड्राइव में ऑडियो क्लिप देते हुए कहा था कि इसे मीडिया में भेज दो। मेरी फोन टैपिंग में कोई भूमिका नहीं है’। उन्होंने आगे कहा, ‘अब इस मामले में जो कुछ बता सकते हैं, वह गहलोत ही बता सकते हैं। अब अशोक गहलोत से क्राइम ब्रांच पूछताछ करे’। शर्मा ने कहना है कि अपना ‘फोन, पेन ड्राइव और कुछ अन्य सबूत भी उन्होंने दिल्ली पुलिस को सौंपे हैं। पुलिस ने उन्हें न्याय का अाश्वासन दिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि जुलाई 2020 में कांग्रेस शासित अशोक गहलोत सरकार राजनीतिक संकट में घिर गई थी। इस दौरान पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों बगावत करते हुए दिल्ली पहुंच गए थे। इस दौरान माना जा रहा था कि अशोक गहलोत सरकार अब गिर सकती है। इसी दौरान फोन-टैपिंग विवाद भी सामने आया था। केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच कथित टेलीफोन बातचीत के ऑडियो क्लिप सामने आये थे। इस दौरान यह कहा गया कि जो लोग उनके (सचिन पायलट) साथ गए थे, उनके फोन सर्विलांस पर थे। सभी को ट्रैक किया जा रहा है। इसके बाद पूरे मामले में अवैध फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में केस दर्ज करवाया था।
साभार : नवभारत टाइम्स
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