नई दिल्ली (मा.स.स.). आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस 2023 के विषय – ‘कचरे को कम करने और उसके प्रबंधन के लिए टिकाऊ और पर्यावरणीय रूप से मजबूत प्रथाओं को प्राप्त करना’ के अनुरूप स्वच्छोत्सव- अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस: कचरा मुक्त शहरों के लिए रैली का आयोजन कर रहा है। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और शोम्बी शार्प, संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट को-ऑर्डिनेटर की उपस्थिति में, 350 से अधिक प्रतिनिधियों के इस कार्यक्रम में भाग लेने की आशा है। इनमें मेयर, आयुक्त, मिशन निदेशक, व्यवसाय और तकनीकी विशेषज्ञ, महिला और युवा स्वच्छता के अग्रणी भागीदार, तकनीकी संस्थानों, विकास भागीदारों आदि के इस कार्यक्रम में भाग लेने की उम्मीद है।
स्वच्छ मशाल मार्च ‘महिला-नेतृत्व स्वच्छोत्सव’ के लिए माहौल तैयार करेगी, जहां नागरिक 29, 30, 31 मार्च, 2023 को कचरा मुक्त शहरों के लिए रैली करेंगे। इसके बाद भाग लेने वाले शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के प्रत्येक वार्ड में जल निकाय, रेलवे ट्रैक, सार्वजनिक शौचालय, सार्वजनिक स्थानों, खुली जगहों पर स्वच्छता अभियान चलाए जाएंगे। मशाल मार्च के लिए 2000 से अधिक शहर पहले ही अपनी सहमति दे चुके हैं। स्वच्छोत्सव – अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस: कचरा मुक्त शहरों के लिए रैली में कचरा मुक्त शहरों में सर्कुलरिटी, कचरा मुक्त शहरों के लिए महिला और युवा, कचरा मुक्त शहरों के लिए व्यवसाय और तकनीक और महापौर के साथ फायरसाइड चैट पर चर्चा और सर्वोत्तम अभ्यास प्रस्तुतियां दिखाई देंगी। इस कार्यक्रम का आयोजन आवासन और शहरी कार्य मंत्रालाया द्वारा जीआईज़ेड, संघीय पर्यावरण मंत्रालय, प्रकृति संरक्षण, परमाणु सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी)के सहयोग से किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता कवरेज और पहल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए, स्वच्छता में दुनिया के सबसे बड़े व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम के रूप में 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी। 1 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन – शहरी 2.0 द्वारा वैज्ञानिक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के उद्देश्य से ‘कचरा मुक्त शहरों’ की दृष्टि से आंदोलन को बल मिला। ‘लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरनमेंट (एलआईएफ़ई)’ यानी पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली की अवधारणा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप 1 नवंबर, 2021 को ग्लासगो में सीओपी 26 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पेश किया गया था। उन्होंने व्यक्तियों और संस्थानों के वैश्विक समुदाय से आह्वान किया कि वे पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए “बिना सोचे-समझे और विनाशकारी उपभोग के बजाय सचेत और समझ बूझकर उपयोग” की दिशा में एक अंतरराष्ट्रीय जन आंदोलन के रूप में एलआईएफ़ई यानी पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली को अपनाएं।
आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 08 मार्च, 2023 से 3-सप्ताह का महिला-नेतृत्व वाला स्वच्छता अभियान-स्वच्छोत्सव शुरू किया था। कचरा मुक्त शहर के मिशन को सफल बनाने में नेतृत्व प्रदान करने वाली सभी क्षेत्रों की महिलाओं का यह उत्सव मनाने के लिए शहरों में कार्यक्रमों और गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की गई। 3-सप्ताह का यह अभियान 29 मार्च, 2023 को एक स्वच्छोत्सव कार्यक्रम के रन-अप के रूप में, और 30 मार्च, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय शून्य अपशिष्ट दिवस के अवसर पर समाप्त होगा। अभियान के अंतर्गत, शहरी स्वच्छता के लिए काम करने वाली महिला उद्यमियों या महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को मान्यता देने के लिए नेतृत्व करने वाली महिला हस्तियों (डबल्यूआईएनएस) के लिए स्वच्छता पुरस्कार 2023 के पहले संस्करण की घोषणा की गई थी। एक अनूठी सहकर्मी शिक्षा पहल, स्वच्छता यात्रा शुरू की गई है, जिसमें अपशिष्ट उद्यमियों के रूप में लगे स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को अंतर-राज्यीय यात्रा का रोमांचक अवसर मिल रहा है। स्वच्छता दूत के रूप में काम करते हुए, इनमें से कई महिलाएं पहली बार यात्रा कर रही हैं और यह समृद्ध अनुभव उन्हें देखने, बातचीत करने और सीखने के लिए एक मंच प्रदान कर रहा है।
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