लखनऊ. बरेली के रजऊ परसपुर की गैस एजेंसी के बाहर खड़े ट्रक में लगी आग के बाद जलते सिलिंडर आग के गोले बन गए। आतिशबाजी की तरह थोड़ी-थोड़ी देर में धमाके हो रहे थे। करीब दो किमी. दूर तक सिलिंडर और ट्रक के टुकड़े खेतों में जा गिरे, इससे फसलें जल गईं। इन धमाकों की आवाज करीब पांच किमी. तक सुनी गई, दहशत में आधा गांव खाली हो गया। रजऊ के साथ ही सुंदरपुर गांव के कई ग्रामीण उस समय घटनास्थल पर पहुंचे जब धमाके पूरी तरह शांत हो गए। इस घटना से जुड़े कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे, जिनमें रह-रहकर आग की लपटें उठने और सिलिंडर फटने की आवाज आ रही थी।
लोगों में फैल गई दहशत
एकबारगी तो यह भी कयास लगाना मुश्किल हो रहा था कि यह आसमान में उड़ते पक्षी हैं या सिलिंडर हैं। करीब 70 सिलिंडर ऐसे थे जो ट्रक में ही फट गए जिनकी वजह से ट्रक का अस्तित्व ही समाप्त हो गया। वहीं करीब 30 सिलिंडर ऐसे थे जो हवा में दूर तक उछलने के बाद बीच में या फिर जमीन पर गिरकर फटे। गोदाम के बाहर खड़े ट्रक से उठतीं लपटों को देखकर रजऊ परसपुर के लोगों में दहशत फैल गई। जब आग बुझने के बाद ग्रामीण मौके पर आए तो उनका कहना था कि ऐसा लग रहा था कि जैसे ज्वालामुखी फटा हो। फायर टीम के सदस्यों ने भी आसपास पड़े सिलिंडरों के बीच बचाव अभियान चलाकर हिम्मत का परिचय दिया। जब सिलिंडरों व ट्रक के मलबे की वजह से रास्ता अवरुद्ध हुआ तो सिलिंडर व मलबा भी फायर स्टाफ ने हटाकर दमकल निकालने की व्यवस्था की। सीएफओ और एफएसओ भी कर्मचारियों के साथ लगातार जुटे रहे।
चौकीदार और चालक के दर्ज किए बयान
जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह के मुताबिक घटना की जानकारी पर एआरओ के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम गठित कर जांच के लिए भेजा गया। चौकीदार और चालक का बयान लिया गया। पता चला है कि पहले गाड़ी में आग लगी पर कैसे? इसकी जानकारी से चालक ने इन्कार कर दिया। चौकीदार ने इसकी पुष्टि की। 360 सिलिंडर में से 50 से ज्यादा फटे, कुछ में लीकेज हुई। जांच अभी जारी है।
खतरा : आबादी वाले इलाकों में भी हैं गोदाम
रजऊ परसपुर में हुई सिलिंडरों के फटने की घटना के दौरान गनीमत रही कि घटनास्थल आबादी से काफी दूर था, लेकिन शहर के आसपास जिन गैस एजेंसी संचालकों ने गोदाम बनाए हैं, उनके आसपास आबादी बस गई है। लिहाजा, अगर जानमाल के नुकसान की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। सुभाषनगर माल गोदाम रोड, बदायूं रोड, बीसलपुर रोड, मिनी बाइपास व अन्य आबादी इलाकों में गोदाम हैं।
दूर तक गिरे सिलिंडर उठा ले गए ग्रामीण
बताते हैं कि सिलिंडरों के फटने पर धमाके से कई सिलिंडर ट्रक से बाहर काफी दूर जा गिरे। जिन्हें कुछ ग्रामीण उठाकर घर ले गए। मामले पर आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ एसके सूरी के मुताबिक जो सिलिंडर दूर जा गिरे, उनकी चादर क्षतिग्रस्त होने की आशंका है। जहां चादर कमजोर होगी, वहां प्रेशर रेटिंंग कमजोर होने से धमाका हो सकता है। इसलिए बगैर दोबारा हाइड्रोलिक प्रेशर जांच के सिलिंडर उपयोग करना जोखिम भरा है।
एलपीजी गोदाम के बाहर खड़े ट्रक में लगी आग
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बिथरी चैनपुर थाना इलाके के रजऊ परसपुर गांव में सोमवार दोपहर एलपीजी गोदाम के बाहर खड़े सिलिंडर भरे ट्रक में आग लग गई। एक-एक कर सौ से ज्यादा सिलिंडर फटने से इलाके में दहशत फैल गई। ट्रक के परखचे उड़ गए। एजेंसी का दफ्तर और चौकीदार का कमरा ढह गया। मलबा दो किमी. दूर तक जा गिरा। इससे आग खेतों तक फैल गई। दहशत से लोग घर छोड़कर भागने लगे। फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियों ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। ट्रक चालक और गोदाम के चौकीदार ने भागकर जान बचाई।
ट्रक के केबिन से उठ रही थीं लपटें
रजऊ परसपुर निवासी मनोज शर्मा की गांव के बाहर महालक्ष्मी गैस एजेंसी है। एजेंसी के चौकीदार रमेश चंद्र शुक्ला के मुताबिक, शाहजहांपुर से 360 गैस सिलिंडर से भरा ट्रक घटना से कुछ ही देर पहले गोदाम पर आया था। वह गेट के बाहर खड़ा था। पत्नी संध्या ने बदबू आने की बात कही तो रमेश कमरे से बाहर आए। देखा तो ट्रक के केबिन से लपटें उठ रही थीं। उन्होंने चालक के साथ मिलकर बुझाने की कोशिश की, पर नाकाम रहे।
एक-एक कर फटने लगे सिलिंडर
आग ट्रक में पिछले हिस्से में पहुंची तो एक-एक कर सिलिंडर फटने लगे। हर धमाके के बाद सिलिंडर हवा में उछलकर दूर जाकर गिर रहे थे। पुलिस व अग्निशमन विभाग की टीमें पहुंचीं, लेकिन लगातार हो रहे धमाकों की वजह से उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी।
ग्रामीण बोले- खाना बनाने के दौरान लगी आग
हादसे के बाद चार सदस्यीय जांच टीम ने चालक अतुल का बयान लिया। आग कैसे लगी, इस सवाल पर उसने जानकारी होने से इन्कार कर दिया। वहीं, ग्रामीणों ने बताया कि ट्रक आकर रुका तो चालक ने केबिन में रखे छोटे गैस सिलिंडर पर खाना बनाना शुरू कर दिया। इसी दौरान केबिन में आग लग गई। एफएसओ ने बताया कि इसकी जांच की जा रही है।
साभार : अमर उजाला
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं