नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार और पर्यटन मंत्री सीनेटर डॉन फैरेल ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए अगले कदमों पर चर्चा करने के लिए आज मुलाकात की। दोनों मंत्रियों ने आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) के कार्यान्वयन, भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) के लिए बातचीत और दोतरफा निवेश को और विकसित करने पर चर्चा की। दोनों मंत्रियों ने जी-20, भारत-प्रशांत आर्थिक संरचना (आईपीईएफ) और विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में सहयोग पर भी चर्चा की।
दोनों मंत्रियों ने नोट किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ को बातचीत में त्वरित प्रगति और एक महत्वाकांक्षी व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) के शीघ्र समापन की उम्मीद हैं, जो व्यापार, निवेश और सहयोग के नए क्षेत्रों सहित ईसीटीए द्वारा रखी गई नींव पर आधारित होगा। सीईसीए रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा, जीवन स्तर में वृद्धि करेगा और दोनों देशों में सामान्य कल्याण में सुधार लाएगा। जितना शीघ्र हो सके, सीईसीए को संपन्न करने की उम्मीद कर रहे दोनों मंत्री विभिन्न द्विपक्षीय तकनीकी बाजार पहुंच मुद्दों के समाधान में हुई प्रगति से प्रसन्न हैं और सहयोग जारी रखने के लिए तत्पर हैं।
मंत्रियों ने सुचारू और समयबद्ध स्वच्छ ऊर्जा पारगमन के महत्व को रेखांकित किया क्योंकि दोनों देश अपने संबंधित शुद्ध शून्य लक्ष्यों को अर्जित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। दोनों मंत्रियों ने ऑस्ट्रेलिया और भारत की अर्थव्यवस्थाओं की पूरक प्रकृति को नोट किया और शुद्ध शून्य उत्सर्जन अर्जित करने के लिए आर्थिक, प्रौद्योगिकी और व्यापार तथा निवेश सहयोग को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता की। डॉन फैरेल ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के लिए ऑस्ट्रेलिया के मजबूत समर्थन को दोहराया। दोनों मंत्रियों ने सहमति जताई कि जी-20 को सतत विकास लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए प्रगति में तेजी लाने सहित दुनिया को मजबूत, टिकाऊ और समावेशी विकास के मार्ग पर वापस जाने में सहायता करने की आवश्यकता है।
दोनों मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि ऑस्ट्रेलिया और भारत आईपीईएफ के लिए उच्च महत्वाकांक्षा साझा करते हैं, जैसा कि नई दिल्ली में आईपीईएफ बातचीत के विशेष दौर में स्पष्ट है, और वे स्वच्छ अर्थव्यवस्था तथा लचीली आपूर्ति श्रृंखला सहित परस्पर हित के क्षेत्रों पर आईपीईएफ के माध्यम से एक साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। दोनों मंत्रियों ने बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली, जिसके मूल में विश्व व्यापार संगठन है, के महत्व की पुष्टि की। उन्होंने जिनेवा में 12वें विश्व व्यापार संगठन मंत्रालयी सम्मेलन की सफलता को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई और विश्व व्यापार संगठन के कार्यों में सुधार लाने तथा 2024 तक पूरी तरह से काम करने वाली विवाद निपटान प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने वर्ष 2024 में अबू धाबी में आयोजित होने वाले 13वें विश्व व्यापार संगठन के मंत्रालयी सम्मेलन की तैयारी में एक उत्पादक सहयोग की दिशा में काम करने पर सहमति जताई।
मंत्रियों ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया और भारत महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैं। पिछले वित्त वर्ष भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय व्यापार 31 बिलियन डॉलर से अधिक पहुंच गया। दोनों मंत्रियों ने इस बात पर सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच व्यापार संपूरकताओं को देखते हुए अगले 5 वर्षों के भीतर द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि की पर्याप्त संभावना है।
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