चंडीगढ़. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोहतक में सनातन धर्म को लेकर बड़ा बयान दिया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म विश्व में शांति की गारंटी है।योगी आदित्यनाथ बाबा मस्तनाथ मठ द्वारा ब्रह्मलीन महंत श्री चांदनाथ जी योगी के स्वरूप की प्राण-प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में पहुंचे थे। इसके मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत, योगगुरु स्वामी रामदेव, स्वामी चिदानंद महाराज और बाबा मस्तनाथ मठ के महंत बाबा बालकनाथ सहित देशभर से आए हजारों की संख्या में संतों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि विश्व शांति की गारंटी सिर्फ सनातन धर्म हो सकता है और भारत हो सकता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा इसके अलावा और कोई नहीं हो सकता है।
नए भारत ने उसे संभव बनाया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि उन्होंने कहा कि नाथ संप्रदाय भारत की सनातन परंपरा का वाहक है। सनातन धर्म ‘एकं सद् विप्रा बहुधा वदन्ति’ के बोध वाक्य का सत्य है। उस सत्य तक पहुंचने के लिए हमारे पंथ, उपसना विधि, संप्रदाय, मत अपने आप को समर्पित किये हुए हैं। रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन मंजिल एक है। ये मंजिल है सत्य सनातन धर्म की पुनर्स्थापना के कार्य को एकजुट होकर पूरी मजबूती के साथ स्थापित करना। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो रहा है। जिन्हें सनातन पर विश्वास नहीं था, वो श्रीराम मंदिर के नाम से ही भागते थे। जिन्हें सनातन धर्म पर विश्वास था, उन्हें अपने कर्म पर विश्वास था। जो लोगों के लिए असंभव था, आज नये भारत ने उसे संभव बना दिया है।
नाम लिए बगैर किया जिक्र
यूपी के मुख्यमंत्री अपने संबोधन में इजरायल-हमास के बीच युद्ध और फलस्तीन से तनाव का सीधे तौर पर नाम लेते हुए कहा कि पूरी दुनिया में वर्तमान में संघर्ष चल रहा है, मगर विश्व शांति की गारंटी केवल सनातन धर्म और भारत ही है। आज बाबा चांदनाथ जी के संकल्पों को महंत बालकनाथ योगी तत्परता और दूरदर्शिता के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत में दुनिया की सबसे बड़ी आबादी सभी प्रकार के मौलिक अधिकारों के साथ जी रही है। उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक आज भी भारत पूरी मजबूती के साथ एक भारत श्रेष्ठ भारत के रूप में अपने आप को स्थापित कर रहा है, तो उसके पीछे गांव गांव में जनजागरण कर रहे हमारे पूज्य संतजन हैं, जो अपने ईष्ट की अराधना के साथ ही सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर देते हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स
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