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भगवंत मान हड़ताल की तैयारी कर रहे पटवारी व कानूनगो पर करेंगे सख्त कार्रवाई

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चंडीगढ़. पंजाब सरकार ने हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे राजस्व विभाग के अधिकारियों और डीसी दफ्तरों के कर्मचारियों को आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि राजस्व अधिकारियों की मनमानी के कारण लोगों को होने वाली परेशानी किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उल्लेखनीय है कि कर्मचारी 11 से 13 सितंबर तक कलम-छोड़ हड़ताल की घोषणा कर चुके हैं।

मान ने कहा कि डीसी दफ्तरों में राजस्व अधिकारियों समेत बाकी स्टाफ कलम छोड़ हड़ताल पर जाने के लिए आजाद हैं, लेकिन उसके बाद राज्य सरकार फैसला करेगी कि उन्हें कलम वापस देनी है या नहीं। वह अपने स्वार्थ के लिए या उन लोगों की हिमायत के लिए कलम-छोड़ हड़ताल न करें, जो भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वह वित्त कमिश्नर (राजस्व) को एस्मा के प्रावधानों के तहत हिदायत दें कि हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। ऐसे सभी कर्मचारी जो हड़ताल में शामिल होंगे, उन्हें तुरंत प्रभाव से निलंबित किया जाएगा। कार्य पर अनुपस्थित रहने वाले दिन को ”डाईज नॉन” के रूप में दर्ज किया जाएगा।

मान बोले- हमारे पास बहुत पढ़े-लिखे बेरोजगार, जो कलम पकड़ने को तैयार हैं
मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा- हमारे पास बहुत पढ़े-लिखे बेरोजगार मौजूद हैं जो आपके वाली कलम पकड़ने को तैयार हैं। सरकार के कुछ कर्मचारी जो बहुत ज्यादा वेतन लेते हैं, कहते हैं हड़ताल करेंगे। लोगों को परेशान करके आप अपने काम की जिम्मेदारी नहीं निभा रहे। जायज मांगें पहले ही मान ली गई हैं आगे भी मानी जाएंगी, लेकिन तीसरे दिन दरी बिछाकर धक्केशाही से रखी मांगें नहीं मानी जाएंगी।

धमकियां देने के बजाय उनकी समस्याएं सुनें: यूनियन
डीसी ऑफिस इंप्लाइज यूनियन के प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल ने कहा कि मुख्यमंत्री मुलाजिमों को धमकियां देने के बजाय उनकी समस्याएं सुनें। क्योंकि मुलाजिमों के पदोन्नति से लेकर पेंशन तक के मामले पेंडिंग हैं। यूनियन हड़ताल के एलान पर कायम है।

एस्मा से क्या होगा नुकसान
सेवा शर्तों के तहत हड़ताल वाले दिन को सेवा में व्यवधान नहीं माना जाता लेकिन ”डाईज नॉन” के रूप में दर्ज होने वाली अवधि के दौरान संबंधित कर्मचारी-अधिकारी पेंशन लाभ या वेतन वृद्धि के लिए सेवा के योग्य नहीं माना जाएगा। यानी उसे वेतन वृद्धि और पेंशन में नुकसान झेलना पड़ेगा।

साभार : अमर उजाला

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