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प्रसार भारती के अध्यक्ष बने पूर्व आईएएस नवनीत सहगल

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नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के पूर्व आईएएस अधिकारी नवनीत कुमार सहगल को प्रसार भारती का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. यह पद चार साल से खाली था. वो अब ए. सूर्य प्रकाश का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल फरवरी 2020 में समाप्त हो गया था. नवनीत कुमार सहगल यूपी के चर्चित आईएएस अधिकारी रहे है. बसपा-सपा हो या बीजेपी सभी सरकारों में उनका बड़ा रुतबा रहा है. उनके पास कई मुख्यमंत्रियों के साथ काम करने का अनुभव रहा है. पिछले साल ही वो प्रशासनिक सेवा से रिटायर हुए हैं. जिसके बाद अब उन्हें ये बड़ी जिम्मेदारी दी गई है.

सूचना व प्रसारण मंत्रालय द्वारा 15 मार्च को जारी आदेश में कहा गया है, “राष्ट्रपति को, चयन समिति की सिफारिश पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री नवनीत कुमार सहगल को प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करते हुए प्रसन्नता है, जो उनके पद का कार्यभार संभालने की तारीख से तीन साल की अवधि या उनके 70 वर्ष का होने तक प्रभावी होगी.”

जानें कौन हैं नवनीत सहगल?

नवनीत सहगल का मूलरूप से फरीदकोट के रहने वाले हैं, उनके पिता हरियाणा में नौकरी करते थे, इसलिए उनकी शुरुआती पढ़ाई अंबाला से हुई. वो शुरुआत से ही सिविल सर्विसेस में जाना चाहते थे, लेकिन कम उम्र होने की वजह से उन्होंने चार्टेड अकाउंटेंट में दाखिला ले लिया. सीएम के बाद साल 1986 में उन्होंने सिविल सर्विक्स की तैयारी शुरू की और इसके साथ ही कई कंपनियों में बतौर कंसलटेंट काम करना शुरू कर दिया.

नवनीत सहगल 1988 में पहली बार सिविल सेवा परीक्षा में बैठे और उनका इलेक्शन भी हो गया. प्रशिक्षण के लिए उन्हें सहारनपुर में तैनाती मिली. इसके बाद उन्होंने कई बड़ी ज़िम्मेदारियां संभाली. साल 2002 में सपा-बसपा गठबंधन की सरकार में मायावती ने नवनीत सहगल को लखनऊ का डीएम बनाया. 2003 में मायावती की सरकार जाने के बाद भी सपा सरकार में वो अपने पद पर बने रहे.

हर सरकार में रहा रुतबा

इसके बाद कई सरकार आई गईं लेकिन नवनीत सहगल पर इसका असर नहीं पड़ा. बसपा, सपा और बीजेपी सभी सरकारों के वो चहेते अफसर बने रहें. मायावती की सरकार में वो उनके सचिव थे और बड़े प्रभावशाली अफसर माने जाते थे, वहीं अखिलेश यादव की सरकार में भी उनका जलवा क़ायम रहा और वो उनके करीबी व सबसे मजबूत अफसर रहे. योगी सरकार में भी नवनीत सहगल प्रमुख सचिव सूचना रहे. रिटायरमेंट के बाद उनके राजनीति में आने की चर्चा भी जोरों पर रही.

साभार : एबीपी न्यूज

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