चंडीगढ़. पंजाब सरकार में मंत्री लाल चंद कटारूचक यौन शोषण के मामले में थोड़ी राहत मिलती हुई दिखाई दे रही है. जिस व्यक्ति ने मंत्री लाल चंद कटारूचक के खिलाफ यौन शोषण के आरोप लगाए थे उसने अपनी शिकायत वापस ले ली है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कथित पुरुष पीड़ित ने मामले की जांच कर रहे पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) के सामने पेश होने पर शिकायत वापस ले ली. पंजाब पुलिस ने मंत्री के खिलाफ यौन शोषण के आरोप की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) ने इस मामले में पंजाब सरकार को तीन नोटिस जारी कर इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है.
आपको बता दें कि राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के द्वारा मंत्री लाल चंद कटारूचक और पीड़ित का एक कथित वीडियो फोरेंसिक जांच के लिए भेजा था. इसके बाद शिकायत को सीएम भगवंत मान के पास भेज दिया गया था. अब SIT की अध्यक्षता कर रहे नरिंदर भार्गव के सामने यौन शोषण का आरोप लगाने वाले युवक ने अपने आरोपों को वापस लेते हुए कहा कि उसका मोबाइल फोन गायब हो गया था. बाद में उसे किसी ने छेड़छाड़ किया गया वीडिया दिखाया.
कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने उठाए सवाल
युवक द्वारा यौन शोषण के आरोप वापस लेने पर कांग्रेस नेता सुखपाल खैरा ने ट्वीट कर सवाल खड़े किए है उन्होंने लिखा- सेक्स स्कैंडल के संबंध में सीएम मान द्वारा गठित एसआईटी से मेरे चंद सवाल है.
1. क्या शिकायतकर्ता के मुकरने से कटारूचक द्वारा किया गया दुर्भावना का अपराध समाप्त हो जाता है?
2. क्या आईपीसी के तहत राज्य के खिलाफ कोई अपराध नहीं है?
3. कटारुचक के सेक्स वीडियो की पुष्टि के बाद क्या SIT पंजाब के राज्यपाल से झूठ बोल रही है?
4. क्या यह तर्क कि कटारुचक स्वयं एक अनुसूचित जाति से है, उसे किसी अन्य गरीब अनुसूचित जाति का शोषण करने का अधिकार देता है?
5. SIT ने पिछले 45 दिनों में अपराधी कटारूचक को बुलाकर उसके दुर्व्यवहार के वीडियो क्यों नहीं दिखाए?
दरअसल, अब भगवंत मान ने अपनी इस बात को सही साबित कर दिया है कि ”निष्कर्ष ही परिणाम होते हैं”- खैरा
साभार : एबीपी न्यूज़
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