नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-यूक्रेन साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, “भारत-यूक्रेन साझेदारी को मजबूत करने पर राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ अच्छी बातचीत हुई। शांति के लिए सभी प्रयासों और चल रहे संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने के लिए भारत के निरंतर समर्थन से अवगत कराया। भारत निर्देशित मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।”
पुतिन से पीएम मोदी ने की टेलीफोन पर बातचीत
आपको बता दें कि इस बीच पिछले रविवार को चुनाव में भारी मतों से विजयी हो कर छह और वर्षों के लिए राष्ट्रपति बने ब्लादिमीर पुतिन से पीएम नरेन्द्र मोदी ने बुधवार (20 मार्च) को टेलीफोन पर बात की। पीएम मोदी पहले ही दोनों नेताओं के बीच इस बात की सहमति बनी की वह भारत व रूस के विशेष रणनीतिक रिश्ते को और ज्यादा प्रगाढ़ बनाएंगे। साथ ही दोनो नेताओं ने मौजूदा द्विपक्षीय रिश्तों के विभिन्न आयामों की भी समीक्षा की, क्षेत्रीय व वैश्विक हालातों पर भी चर्चा हुई।
पीएम मोदी ने भारत के पुराने रूख को दोहराया
यूक्रेन-रूस युद्ध पर पीएम मोदी ने भारत के पुराने रूख को दोहराया कि इस विवाद का समाधान कूटनीति व वार्ता से ही हो सकती है।विदेश मंत्रालय ने बताया है कि पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को चुनाव में विजयी होने पर बधाई दी और रूस की जनता के लिए शांति, प्रगति व संपन्नता की कामना की। दोनों नेताओं के बीच सहमति बनी की रूस व भारत की मौजूदा रिश्तों को और ज्यादा प्रगाढ़ किया जाएगा। रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए दोनो नेता आने वाले वर्षों में ज्यादा से ज्यादा प्रयास करेंगे।
दोनो नेताओं ने आगे भी संवाद जारी रखने की कही बात
दोनो नेताओं ने आगे भी संवाद जारी रखने की बात कही है। पुतिन ने हाल में संपन्न राष्ट्रपति चुनाव में 87 फीसद वोट हासिल किया है। पुतिन फिर से छह वर्षों के लिए रूस की सत्ता को संभालेंगे। रूस की मौजूदा निर्वाचन प्रक्रिया को अमेरिका व दूसरे पश्चिमी देशों ने यह कहते हुए भर्त्सना की है कि यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। जबकि चीन और भारत ने रूस पुतिन को बधाई दे कर साफ कर दिया है कि इनके लिए पश्चिमी देशों के मत कोई मायने नहीं रखते।
भारत सरकार ने रूस के साथ अपने संबंधों को नहीं होने दिया कमजोर
अमेरिका से द्विपक्षीय रणनीतिक रिश्तों में काफी सुधार होने के बावजूद भारत सरकार ने रूस के साथ अपने संबंधों को कमजोर नहीं होने दिया। अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद भारत रूस से लगातार कच्चे तेल की खरीद कर रहा है जिससे रूस की इकोनमी को काफी मदद मिली है। पूर्व में भारत और रूस के बीच सालाना शीर्षस्तरीय बैठक को लेकर सहमति बनी थी लेकिन वर्ष 2021 के बाद यह बैठक नहीं हुई है। इस वर्ष इसके होने की संभावना है।
साभार : दैनिक जागरण
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