शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 01:55:36 AM
Breaking News
Home / राज्य / छत्तीसगढ़ / पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान धर्मांतरण जोरों पर हुआ : विष्णुदेव साय

पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान धर्मांतरण जोरों पर हुआ : विष्णुदेव साय

Follow us on:

रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान धर्मांतरण जोरों पर हुआ। शिकायतकर्ता के खिलाफ ही कार्रवाई होती थी। मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि कांग्रेस पार्टी अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए धर्मांतरण को बढ़ावा देते रही, क्योंकि जो धर्मांतरित हो जाता है वह भारतीय जनता पार्टी से अलग हो जाता है। लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होगा, ऐसा नहीं होने देंगे, अब धर्मांतरण पर रोक लगेगी।

राज्य में अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘अभी सरकार बने हुए मुश्किल से पांच-सात दिन ही हुए हैं। अभी जो जरूरी काम हैं मसलन आवास देने का काम, किसानों को दो साल का बोनस देने का काम, महतारी वंदन योजना (विवाहित महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना) आदि पर ध्यान दिया जाएगा।’’ साय ने कहा कि धर्मांतरण रोकने के प्रयास किए जाएंगे, मुद्दे पर विचार होगा और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस पर सहमत नहीं है कि औद्योगीकरण और खनन नहीं होना चाहिए, बल्कि ये गतिविधियां विकास और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण हैं। साय ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के जैव-विविधता से समृद्ध सरगुजा क्षेत्र के संबंध में खनन गतिविधियों के फायदे और नुकसान का विश्लेषण करने के बाद उचित कदम उठाएगी, जहां पिछले कई वर्षों में अनेक स्थानों पर कोयला खनन के खिलाफ आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया है।

साय ने यह भी दावा किया कि राज्य में सरकार बदलने के बाद नक्सली हताश हो गए हैं और डबल इंजन वाली सरकार इस समस्या से मजबूती से लड़ेगी और इसे खत्म करेगी। राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हराकर भारतीय जनता पार्टी पांच साल बाद सत्ता में वापस आई है। राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख आदिवासी चेहरे साय ने पिछले सप्ताह 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

खनन के विरोध में नहीं हैं
साय उत्तरी छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग से आते हैं, जहां भाजपा ने इस चुनाव में सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों पर जीत हासिल की है। सरगुजा क्षेत्र के लोग, विशेषकर आदिवासी पिछले कई वर्षों से हसदेव अरंड वन क्षेत्र में कोयला खनन का विरोध कर रहे हैं। इस संबंध में नवनिर्वाचित सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर साय ने कहा, “जहां तक खनन की बात है, उसे देखेंगे। खनन नहीं हो, उद्योग धंधे नहीं खुले, हम इस पक्ष में नहीं हैं। क्योंकि ये सब रोजगार बढ़ाने के अवसर हैं।’’

हर पहलू पर करेंगे विचार
उन्होंने कहा, ‘‘सरगुजा संभाग में पर्यटन की अपार संभावना है, वह क्षेत्र वनों से आच्छादित है, यहां जलप्रपात भी बहुत हैं। मुख्यमंत्री होने के नाते हमारा प्रयास होगा कि इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिले। जब खनन होता है और उद्योग खुलते हैं तो लाभ के साथ हानि भी होती है, प्रदूषण भी होता है। इसलिए हर मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार करने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।’’

नक्सलवाद एक समस्या है
राज्य में नक्सलवाद की समस्या को लेकर सरकार के रुख के बारे में पूछे गए सवाल पर साय ने कहा, ‘‘जब राज्य में 15 वर्षों (2003 से 2018) तक भाजपा की सरकार थी तब हम कड़ाई से नक्सलवाद से लड़े लेकिन जब सरकार बदली तब उनको (माओवादियों) बढ़ावा मिला। नक्सली कहते थे कि उनकी सरकार आ गई है।’’ राज्य, विशेष रूप से दक्षिण में बस्तर क्षेत्र तीन दशक से अधिक समय से वामपंथी उग्रवाद से जूझ रहा है।

साय ने कहा, ‘‘ लेकिन जब से यहां पर सरकार बदली है उनमें बौखलाहट आई है और कायराना हरकत कर रहे हैं। हमने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं जिसके बाद पुलिस एक्शन में आ गई है, नक्सली पकड़े भी गए हैं। हमारे देश के गृह मंत्री अमित शाह भी नक्सलवाद खत्म करना चाहते हैं। केंद्र और राज्य दोनों मिलकर निश्चित तौर पर मजबूती के साथ नक्सलवाद से लड़ाई लड़ेंगे।’’

पिछले महीने राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि यदि भाजपा राज्य में सत्ता में आती है तो अगले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म कर दिया जाएगा। आदिवासी नेता साय ने कांग्रेस पर उसके शासनकाल (2018-23) के दौरान धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि नई सरकार ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कदम उठाएगी।

राज्य की आर्थिक स्थिति खराब है
राज्य की आर्थिक स्थिति और भाजपा के चुनाव पूर्व वादों को पूरा करने की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ यहां की आर्थिक स्थिति खराब है। पांच वर्षों में इन्होंने (कांग्रेस) इतना कर्ज छत्तीसगढ़ पर लाद दिया है जितना जितना हम लोगों ने 15 साल में नहीं लिया था। पिछली सरकार ने पांच साल में करीब 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन अब डबल इंजन की सरकार है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कोई ना कोई रास्ता निकालेगी।’’

कभी गुस्सा नहीं करते थे दिलीप सिंह जूदेव
कांग्रेस शासन में कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के भाजपा के वादे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘ हम जरूर करेंगे। हम राज्य लोक सेवा आयोग घोटाले की जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो भी मामले (कथित घोटालों के)हमारी जानकारी में आएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते थे, साय ने कहा कि जूदेव राजनीति में उनके आदर्श थे और उन्होंने उनसे विनम्रता सीखी है। कहा जाता है कि जूदेव ने साय को चुनावी राजनीति में आने के लिए प्रोत्साहित किया था। साय ने कहा, ‘‘मैंने उनके साथ 25 साल तक काम किया। इन 25 वर्षों में हमने उन्हें एक दिन भी क्रोधित होते नहीं देखा। कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देना और उनकी बातें सुनना उन्हीं से सीखा है।’’

साभार : नवभारत टाइम्स

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon।in/dp/9392581181/

https://www।flipkart।com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

नक्सलियों के हमले में गश्त से लौट रहे 2 आईटीबीपी जवानों का बलिदान

रायपुर. छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में विस्फोट थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब …