रविवार, दिसंबर 29 2024 | 08:53:02 AM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / जल्द तय होगा डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक का स्थल

जल्द तय होगा डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक का स्थल

Follow us on:

चंडीगढ़. देश के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार का शनिवार को निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ किया गया। मगर उनका संस्कार राजघाट पर न होने से पंजाब में कांग्रेस सांसदों और अकाली दल द्वारा जताए गए ऐतराज पर पंजाब बीजेपी द्वारा जवाब दिया गया है। बीजेपी ने कहा कि केंद्र की हमारी सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने के लिए ऑर्डर दिया है।

डॉ. मनमोहन सिंह की मौत पर राजनीति न की जाए

पंजाब बीजेपी के प्रदेश महासचिव अनिल सरीन ने कहा कि मगर इस सभी के पीछे दुख की बात ये है कि इस विषय पर भी राजनीति की जा रही है। जिससे मन को दुख हो रहा है। शोक के समय में ऐसी राजनीति से बचना चाहिए। प्रधानमंत्री रहते हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह का कांग्रेस ने कितना सम्मान किया, ये तो हम सब ने देखा ही था। उनके कैबिनेट द्वारा पास किया गया ऑर्डिनेंस उनके नेताओं द्वारा फाड़ा गया था। सरीन ने आगे कहा कि हम इस मुद्दे पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं करना चाहते। क्योंकि राजनीति के लिए और कई मुद्दे हैं। मगर इस मुद्दे पर राजनीति न की जाए। पंजाब बीजेपी के प्रदेश महासचिव अनिल सरीन ने आगे कहा कि मनमोहन सिंह द्वारा किए गए देश के कामों का भुलाया नहीं जा सकता। हमने कभी किसी भी राष्ट्रीय नेता पर राजनीति नहीं की।

बीजेपी बोली- हम डॉक्टर मनमोहन सिंह की समाधि और स्मारक के लिए वचनबद्ध हैं

पंजाब बीजेपी के प्रदेश महासचिव अनिल सरीन ने चंडीगढ़ में मीडिया को संबोधित किया। प्रेसवार्ता में अनिल सरीन ने कहा कि पंजाब के महान सपूत और देश के पूर्व प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह के निधन पर पंजाब बीजेपी दुख प्रकट करती है। मनमोहन सिंह द्वारा देश को आर्थिक संकट से उभारने के लिए एक अहम भूमिका निभाई गई। भारतीय जनता पार्टी उनके इन कामों का सम्मान करती है। पंजाब बीजेपी के प्रदेश महासचिव अनिल सरीन ने कहा कि शुक्रवार को केंद्रीय नेता दल की बैठक में मनमोहन सिंह के स्मारक और समाधि स्थल का निर्माण किया जाएगा। केंद्र के इस फैसले पर पंजाब बीजेपी द्वारा सम्मान किया जाता है। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द ये तैयार हो जाए। हम डॉक्टर मनमोहन सिंह की समाधि और स्मारक के लिए वचनबद्ध हैं।

साभार : दैनिक भास्कर

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

राहुल गांधी को बरेली के एमपी-एमएलए कोर्ट ने एक बयान को लेकर दिया नोटिस

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बरेली में एमपी एमएलए कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल …