शुक्रवार, नवंबर 22 2024 | 10:26:24 AM
Breaking News
Home / राज्य / दिल्ली / डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने अरविंद केजरीवाल पर साधा निशाना

डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने अरविंद केजरीवाल पर साधा निशाना

Follow us on:

नई दिल्ली (मा.स.स.). भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए विपक्षी पार्टियों, विशेषकर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस प्रकार विपक्षी पार्टियों द्वारा भारत की लोकतांत्रिक और न्यायिक व्यवस्था के प्रति अपमान और तिरस्कार की सभी सीमाएं लांघी जा रही है, उसके लिए वेदना भी है और आक्रोश भी.

  • आम आदमी पार्टी, जिनका भ्रष्टाचार अब पूर्णतः स्थापित होता जा रहा है, जिस निम्न स्तर तक चली जा रही है, वह सिर्फ कष्ट देने वाला ही नहीं, आक्रोश देने वाला भी है.
  • कल सीबीआई कोर्ट ने दिल्ली पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी ख़ारिज करते हुए कहा है कि-
  • Additionally, the court noted that there were serious apprehensions of Sisodia destroying, tampering with evidence or even influencing some prime witnesses in the case if he was released on bail.
  • कोर्ट ने आगे कहा है कि- The evidence collected so far by the CBI not only shows applicant’s active participation in the above criminal conspiracy, but also the prima facie commission of some substantive offences of the PC Act by him.
  • सीबीआई कोर्ट का यह कथन ध्यान देने योग्य है कि- Sisodia and other members of the Aam Aadmi Party (AAP) are accused of manipulating the implementation of the Delhie Excise Policy to facilitate monopolisation and cartelisation of the liquor trade in Delhi.  अर्थात अब तथ्यों के साथ यह सामने आ रहा है कि सिर्फ मनीष सिसोदिया ही नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी के अन्य लोग भी भ्रष्टाचार के द्वारा दिल्ली की नई शराब नीति को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार थे.
  • स्वयं को कट्टर ईमानदार का तगमा देने वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी अब ‘भ्रष्टतम भ्रष्ट’ सिद्ध होते जा रही है. इसलिए इन्हें कोई न कोई स्वांग तो रचना ही है.
  • इसलिए प्रधानमंत्री की डिग्री विषय को लेकर अरविंद केजरीवाल को कल गुजरात कोर्ट से एक बार फिर जिस तरह फटकार लगी है, वह उनकी प्रवृत्ति के अनुरुप ही है. अरविंद केजरीवाल ऐसे व्यक्ति हैं, जो एक नहीं, अनेकों बार कोर्ट से डांट फटकार खा चुके हैं और माफ़ी भी मांग चुके हैं.
  • इसलिए विषय प्रधानमंत्री की डिग्री का नहीं था, बल्कि अरविन्द केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का था, जिसे प्रधानमंत्री की डिग्री विषय के ओट में वे छुपाने का प्रयास कर रहे थे. जो चीज सार्वजनिक है, यूनिवर्सिटी की वेब साईट पर उपलब्ध है, उसे मांगने के लिए कोर्ट में जाना, कुछ और नहीं, सिर्फ और सिर्फ कोर्ट का समय बर्बाद करने के साथ साथ संवैधानिक उपकरणों का दुरुपयोग ही है.
  • इस संबंध में गुजरात हाई कोर्ट ने कहा भी है कि- Further despite the degree in question being put on the website of the petitioner University for all to see and despite this fact being made expressly clear with precision in the pleading before this court and despite the respondent never ever disputing the degree in question either during the pending of these proceedings or even during final hearing, the respondent No. 2 has persisted with the matter. This is one more reason to impose costs while allowing this petition.
  • आम आदमी पार्टी वह पार्टी है, जिसने दिल्ली को अद्भुत शराब नीति दी थी-एक शराब की बोतल के बदले एक बोतल मुफ्त. अर्थात दिल्ली वासियों को मिल रही फ्री की रेवड़ियों में सबसे ज्यादा फ्री की रेवड़ी बेवड़ों के लिए थी.
  • जिस प्रकार आवश्यकता से ज्यादा शराब सेवन से मानसिक संतुलन असंतुलित हो जाता है, शायद अरविंद केजरीवाल के साथ ऐसा ही हुआ है, जिससे वे पूरी तरह से विक्षिप्त से नजर आ रहे हैं.लेकिन इससे दो चीजें स्पष्ट होती जा रही है. जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग उन्होंने किया है, वह भारत की राजनीति में भाषा, शैली और भाव-भंगिमा की दृष्टि से निम्नता के स्तर पर है. अतः यह कहने में कोई संकोच नहीं कि अरविन्द केजरीवाल नैतिक दृष्टि से भ्रष्टतम और राजनैतिक दृष्टि से निम्नतम स्तर पर आ चुके हैं.
  • अरविंद केजरीवाल पढ़ाई-लिखाई की तो बात कर रहे हैं, लेकिन हैं बहुत चतुर. केजरीवाल ‘पढ़े’ तो हैं, लेकिन ‘लिखे’ नहीं हैं.ये किसी फाइल पर लिखते (हस्ताक्षर) नहीं करते, लेकिन फाइल पढ़ते जरुर हैं. इतने सयाने हैं कि अपने पास कोई विभाग जान बूझकर नहीं रखा। सारे भ्रष्टाचार केजरीवाल के इशारे पर ही होते हैं, लेकिन वह ये सारे काम मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे लोगों से कराते हैं ताकि खुद बचे रहें और अगर जांच भी हुई तो दूसरे फंसें।
  • केजरीवाल तो ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने राजनैतिक गुरु अन्ना हजारे तक के बारे में बोल दिया था कि इन्हें बरगलाया गया था. आम आदमी पार्टी वह पार्टी है, जिसने राजनीति में आने से पूर्व कहा था कि सारे सांसद चोर हैं. यह वह पार्टी है, जो टोपी लगाकर कहते थे, मुझे जन लोकपाल चाहिए. कहाँ गई वह टोपी, कहाँ गया वह जन लोकपाल? माना कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है, लेकिन पंजाब में तो शासन में आये इन्हें एक साल हो गए, कहाँ है वहां इनका जन लोकपाल?
  • अब इनकी वो वैगन-आर नहीं दिखती, मैं बंगला नहीं लूंगा लेकिन ले लिया, मैं सुरक्षा नहीं लूंगा, लेकिन ले ली। कोई एक ऐसा बिंदु नहीं, जिन पर इन्होने अपना स्टैंड कायम रखा हो। इसलिए हम इनको सबसे बड़ा स्वांग रचने वाला कहते हैं।
  • केजरीवाल शिक्षा की बात करते हैं और खुद को ये IIT ग्रेजुएट भी कहते हैं. केजरीवाल वही व्यक्ति हैं, जो कोविड की दूसरी चरम लहर के समय कहा करते थे कि वैक्सीन निर्माण की जिम्मेदारी सारी कंपनियों को क्यों नहीं दे दी जाती? IIT शिक्षित केजरीवाल जी! वैक्सीन का फ़ॉर्मूला कोई चूरन का फ़ॉर्मूला तो नहीं, जो हर कोई बनाने के लिए अधिकृत होगा? अगर ऐसा ही होता तो अमेरिका जैसे देश ने उसी दौरान पेरासिटामोल जैसी दवाई भारत से क्यों आयत की? केजरीवाल की पार्टी ने अप्रैल 2021 में कहा कि बच्चों का वैक्सीन हमने विदेश भेज दिया, जबकि उस समय तक भारत ही नहीं, दुनिया में कहीं भी बच्चों का वैक्सीन बना तक नहीं था.
  • केजरीवाल, बहुत बड़बोले आप होंगे, लेकिन बड़बोलेपन से कुछ हासिल नहीं होने वाला. बहुत निम्नतम स्तर पर आप आ रहे है, लेकिन इस निम्नता से भी कुछ हासिल होने वाला नहीं और बहुत ही निर्लज्जता आप दिखा रहे हैं, इस से भी आपको कुछ नहीं मिलने वाला।

 

रहीम दास का दोहा है-

बड़े बड़ाई ना करैं, बड़े न बोलैं बोल।

रहिमन हीरा कब कहै, लाख टका मेरा मोल॥

  • अर्थात जिसके अंदर श्रेष्ठता, विराटता और योग्यता होती है, वह हीरे की तरह वैसा ही चमकता दिखाई पड़ता है, जैसे हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, जो देश की जनता की आँखों का तारा बने हुए हैं. इसके लिए कुछ कहने की बात नहीं.
  • जिस तरह तथ्यों के आधार पर अरविंद केजरीवाल सरकार का भ्रष्टाचार उत्तरोत्तर साबित होता जा रहा है, उससे प्रतीत होता है कि वे दबाव और बिखराव की ओर बढ़ रहे हैं. या तो वे विक्षिप्त होने की स्थिति में हैं अथवा भविष्य की किसी योजना के तहत वे जानबूझकर तमाम स्वांग रच रहे हैं.

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www.amazon.in/dp/9392581181/

https://www.flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

 

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान हुआ संपन्न

नई दिल्ली. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के साथ 4 राज्यों की 15 विधानसभा और …