नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कॉप 27 में आज भारत का राष्ट्रीय वक्तव्य दिया।सबसे पहले मैं अपने मेज़बान और कॉप 27 की अध्यक्षता कर रहे मिस्र के असाधारण प्रयासों और भव्य आतिथ्य के लिए उसका आभार प्रकट करता हूं। एक साल पहले ग्लासगो में किए गए विज्ञान के आह्वान पर हमने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की और महत्वपूर्ण संकल्प एवं प्रतिबद्धताओं के साथ आगे आए।
इस साल शर्म-अल-शेख में हमारे लिए कार्रवाई करने का अवसर है और इसकी अध्यक्षता कर रहे मिस्र ने इसे यथोचित रूप से ही कार्यान्वयन का कॉप करार दिया है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्लासगो में साल 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के भारत के लक्ष्य की घोषणा की थी। एक वर्ष के भीतर भारत ने प्रमुख आर्थिक क्षेत्रों में कम कार्बन संक्रमण वाले मार्गों को इंगित करते हुए अपनी लंबी अवधि की कम उत्सर्जन वाली विकास रणनीति प्रस्तुत की है।
हमारे 2030 के जलवायु लक्ष्यों में महत्वाकांक्षा की वृद्धि संबंधी आह्वान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने अगस्त 2022 में अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को अद्यतन किया था। हमने वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा, ई-मोबिलिटी, इथेनॉल मिश्रित ईंधन और ग्रीन हाइड्रोजन के क्षेत्र में नए दूरगामी कदम उठाए हैं। हम अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा अनुकूल अवसंरचना के लिए गठबंधन (सीडीआरआई) जैसे कार्रवाई और समाधानोन्मुख गठबंधनों के माध्यम से मजबूत अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं। ये दोनों ही गठबंधन भारत द्वारा प्रारंभ और पोषित किए गए हैं। यह विश्व कल्याण हेतु सामूहिक कार्रवाई के हमारे लोकाचार का प्रमाण है।
1.3 बिलियन लोगों का घर भारत, विश्व भर के संचयी उत्सर्जन में अब तक अपना योगदान 4 प्रतिशत से कम होने और हमारा वार्षिक प्रति व्यक्ति उत्सर्जन वैश्विक औसत का लगभग एक तिहाई होने की वास्तविकता के बावजूद इस दिशा में विकट प्रयास कर रहा है। सुरक्षित ग्रह के भारत के विज़न के केंद्र में एक ही मंत्र है- लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट, जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कॉप 26 में हमारे राष्ट्रीय वक्तव्य के अंतर्गत सामने रखा था। प्रधानमंत्री मोदी ने 20 अक्टूबर 2022 को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की उपस्थिति में मिशन लाइफ को लॉन्च किया था।
विश्व को नासमझी भरे और विनाशकारी खपत वाले रवैये में आमूल-चूल बदलाव लाकर सोच-समझकर और उद्देश्यपूर्ण उपयोग का रवैया अपनाने की आवश्यकता है। हम इस पृथ्वी ग्रह के ट्रस्टी हैं। हमें इसे ऐसी स्थायी जीवन शैली के माध्यम से पोषित करना चाहिए, जो संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करती हो और कम से कम अपशिष्ट उत्पन्न करती हो। दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र और जीवंत उभरती हुई अर्थव्यवस्था के रूप में भारत अनुकरणीय नेतृत्व की दिशा में प्रयासरत है, और वैश्विक समुदाय को व्यक्तिगत, परिवार और समुदाय-आधारित कार्यों के लिए मिशन लाइफ का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करता है।
भारत 2023 में ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के आदर्श वाक्य के साथ जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण कर रहा है। मानवता के लिए सुरक्षित ग्रह की ओर हमारी यात्रा, एक ऐसी यात्रा है जिसे कोई भी राष्ट्र अकेले नहीं कर सकता। यह एक सामूहिक यात्रा है, जिसे समानता और जलवायु न्याय को अपने मार्गदर्शक सिद्धांत मानते हुए हमें प्रारंभ करना होगा। हमें आशा है कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष दुनिया को एक परिवार के रूप में एकजुट करेगा।”