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पालघर में लुपिन फाउंडेशन ने शुरू की मोबाइल मेडिकल वैन; गैर-संचारी रोगों की देखभाल को मिलेगी मजबूती

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पालघर, महाराष्ट्र, 09 जून, 2025: ग्लोबल फार्मास्युटिकल लीडर-लुपिन लिमिटेड (लुपिन) की सीएसआर शाखा, लुपिन ह्यूमन वेलफेयर एंड रिसर्च फाउंडेशन (लुपिन फाउंडेशन) ने महाराष्ट्र सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर पालघर जिले में तीसरी मोबाइल मेडिकल वैन (एमएमवी) शुरू कर दी है। इस वैन की शुरुआत ‘लाइव्स’ कार्यक्रम के तहत की गई है।

यह मोबाइल मेडिकल वैन गोरहे के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से माननीया मेघना साकोरे-बोरदिकर, सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री, महाराष्ट्र सरकार द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई। इस अवसर पर पालघर से सांसद डॉ. हेमंत विष्णु सवरा, विक्रमगढ़ व वाडा से विधायक श्री हरीचंद्र भोये, पालघर विधायक श्री राजेंद्र गावित, जिला परिषद पालघर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मनोज राणाडे, अतिरिक्त कलेक्टर श्री भाऊसाहेब फटांगरे, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संतोष चौधरी, गोरहे की सरपंच श्रीमती अर्चना गोवारी, लुपिन और फाउंडेशन की सीएसआर प्रमुख तुषारा शंकर और लुपिन तारापुर के साइट हेड श्री आकाश पटेल भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मेघना साकोरे-बोरदिकर ने कहा, “इस मोबाइल मेडिकल वैन की शुरुआत हमारे ग्रामीण क्षेत्रों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अक्सर देखा जाता है कि दूर-दराज के क्षेत्रों में लोगों के लिए इलाज तक पहुँच एक बड़ी चुनौती होती है। ऐसे में, हमें खुशी है कि लुपिन हमारे इस प्रयास में साझेदार बना है और सबके लिए समान व सुलभ स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करने की इस यात्रा में साथ दे रहा है। इस पहल का उद्देश्य गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की समय पर पहचान और इलाज को बेहतर बनाना है।”

यह ‘लाइव्स’ कार्यक्रम के तहत शुरू की गई तीसरी मोबाइल मेडिकल वैन है, जो पालघर जिले के जव्हार और वाडा ब्लॉक्स में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करेगी। यह वैन इन क्षेत्रों की 4 लाख से अधिक आबादी को कवर करेगी। वर्तमान में जिले में पहले से ही दो वैन कार्यरत हैं, जिनमें से एक पालघर और डहाणू ब्लॉक्स में तथा दूसरी विक्रमगढ़ और तलासरी ब्लॉक्स में सेवाएँ दे रही है।

लुपिन तथा लुपिन ह्यूमन वेलफेयर एंड रिसर्च फाउंडेशन की सीएसआर प्रमुख, तुषारा शंकर ने ‘लाइव्स’ कार्यक्रम के प्रेरक विचार के बारे में बात करते हुए कहा, “मोबाइल मेडिकल वैन के जरिए और स्थानीय स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाकर, हमारा उद्देश्य यही है कि गैर-संचारी रोगों की पहचान समय पर हो, इलाज भी समय पर मिले और उनकी सही तरीके से देखभाल हो सके। महाराष्ट्र सरकार के साथ हमारी यह साझेदारी इस बात का उदाहरण है कि जब सरकार और निजी संस्थान साथ मिलकर काम करते हैं, तो गाँवों में भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई जा सकती हैं।”

‘लाइव्स’ कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2023 में महाराष्ट्र सरकार और लुपिन ह्यूमन वेलफेयर एंड रिसर्च फाउंडेशन (एलएचडब्ल्यूआरएफ) के बीच साझेदारी में की गई थी। इस पहल का उद्देश्य गाँवों में ही समय रहते गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की पहचान करना है। इसके लिए ग्रामीण समुदायों में स्क्रीनिंग की जाती है, सभी सुविधाओं से युक्त मोबाइल मेडिकल वैन के जरिए जाँच और इलाज की सुविधा दी जाती है, और फिर नियमित शिविरों व मुफ्त दवाओं के जरिए मरीजों की देखभाल की जाती है। इस कार्यक्रम के तहत उपकेंद्रों में एनसीडी कॉर्नर बनाए जा रहे हैं, जहाँ गैर-संचारी रोगों से जुड़ी जरूरी सुविधाएँ और जानकारी मिल सके। साथ ही, गाँव-गाँव जाकर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आए और वे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनें।

‘लाइव्स’ कार्यक्रम ने महाराष्ट्र और राजस्थान में जनस्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, खासकर हृदय रोग और श्‍वास संबधित बीमारियों के मामलों में। इस कार्यक्रम के तहत अब तक 673 गाँवों में 1, 92,677 से अधिक लोगों की जाँच की जा चुकी है और 1,100 से अधिक मुफ्त मेडिकल कैंप आयोजित किए गए हैं, जिनमें 65,000 से ज्यादा मरीजों को मुफ्त परामर्श और इलाज उपलब्ध कराया गया है।

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