गाजा. इस्राइल और हमास के बीच दो महीने से अधिक समय से संघर्ष जारी है। बीते सात अक्तूबर से शुरू हुआ रक्तपात 24 नवंबर को कतर की प्रभावी मध्यस्थता और हस्तक्षेप के बाद कुछ दिनों तक थमा रहा था। हालांकि, एक बार फिर इस्राइल-हमास के बीच युद्ध शुरू हो गया है। इस बीच, इस्राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने हमास के आतंकवादियों पर नागरिकों को पीटने और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से गाजा को मिली मानवीय सहायता को चुराने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं, यहां तक कहा गया है कि हमास गाजा के लोगों की जरूरतों के ऊपर अपने लक्ष्यों को रखता है।
यह है मामला
गौरतलब है, हमास ने सात अक्तूबर को इस्राइल पर हमला कर करीब 240 लोगों को बंधक बना लिया था। वहीं 1200 लोग मारे गए। इसके अलावा, इस्राइल की जवाबी कार्रवाई में गाजा पट्टी में 15000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
लोगों को पीटा जा रहा
आईडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा की है, जिसमें कुछ लोगों को अज्ञात द्वारा पीटा जा रहा है। साथ ही कुछ व्यक्ति वाहनों में सामग्री रखते दिखे। इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा कि हमास के सदस्य नागरिकों को पीटते हैं और इस्राइल और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से प्राप्त मानवीय सहायता को चुराते हैं। इतना ही नहीं, अपने लक्ष्यों को यह गाजा के लोगों की जरूरतों से ऊपर रखते हैं। वहीं आईडीएफ का कहना है कि अल-मवासी गाजा में मानवीय क्षेत्र है, जिसका उद्देश्य लोगों को युद्ध के मैदान से दूर रखना है। पर हमास इन लोगों को गोलीबारी के दौरान आगे रखता है।
मानवीय क्षेत्र से दर्जनों रॉकेट दाग रहे
एक्स पर साझा किए गए एक पोस्ट में आईडीएफ ने कहा कि अल-मवासी गाजा में मानवीय क्षेत्र है, जिसका मतलब नागरिकों को युद्ध के मैदान से दूर रखना है। लेकिन हमास गाजा के लोगों को मरने के लिए आगे खड़ा कर देता है। वे मानवीय क्षेत्र से दर्जनों रॉकेट दागते हैं। इतना ही नहीं, यह रॉकेट अक्सर गलत तरीके से छोड़े जाते हैं, जिससे गाजा के लोगों की जिंदगी खतरे में रहती है।
हमास के कई सदस्यों ने किया आत्मसमर्पण
इससे पहले आईडीएफ ने कहा था कि हमास के आतंकवादी आईडीएफ बलों पर गोलीबारी करने के लिए बेत हनौन में स्कूल और एक मस्जिद का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच, आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि हमास के कई सदस्यों ने शनिवार को गाजा पट्टी में सैनिकों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने कहा कि शेजैया और जबलिया में आत्मसमर्पण करने वाले आतंकवादियों ने उन्हें हथियार और उपकरण सौंपे। इसके अलावा उन्होंने खुफिया जानकारी भी साझा की।
साभार : अमर उजाला
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